लिंग का ढीला रहना: कब सामान्य है और कब चिंता की बात?

लिंग का ढीला रहना कभी-कभी सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर बार-बार ऐसा हो, तो यह इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) का संकेत हो सकता है। इस लेख में बताया गया है कि यह कब सामान्य है, कब समस्या बन सकता है, और इसके पीछे शारीरिक, मानसिक व लाइफस्टाइल से जुड़े कारण क्या हो सकते हैं। साथ ही जानिए इसकी जांच कैसे होती है और कौन-से इलाज या आदतें इसमें मदद कर सकती हैं। अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो याद रखें, यह आम है, इसका इलाज संभव है और आपको शर्माने की जरूरत नहीं है।
अक्सर पुरुषों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या लिंग का ढीला रहना सामान्य है? और अगर बार-बार ऐसा हो, तो क्या यह किसी बीमारी की ओर इशारा करता है? कई बार शर्म या झिझक के कारण लोग इस विषय में बात नहीं कर पाते, जबकि यह पुरुषों की सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ा एक बेहद आम अनुभव है। लेकिन यह समस्या जितनी आम है, उतनी ही नजरअंदाज भी की जाती है। भारत में 20-29 साल तक लगभग 6% पुरुषों को यह समस्या होती है। 40 साल की उम्र के बाद लगभग 40% पुरुषों को किसी न किसी स्तर पर ED का अनुभव होता है, और यह आंकड़ा उम्र के साथ और भी बढ़ता जाता है और 70 साल के करीब आते-आते 70% पुरुषों को ED की समस्या होती है [1]।
इस लेख में हम आपको आसान भाषा में समझाएंगे कि लिंग ढीला क्यों रहता है? यह कब सामान्य है और कब यह समस्या बन सकता है? इसके मानसिक, शारीरिक और जीवनशैली से जुड़े कारण क्या हैं और अगर यह समस्या बन जाए, तो इसका सही इलाज कैसे हो सकता है? जिससे अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हों तो अपने लिए सही निर्णय ले सकें।
क्या लिंग सामान्य स्थिति में भी ढीला ही रहता है?
जी हाँ, जब तक कोई व्यक्ति यौन रूप से उत्तेजित नहीं होता, तब तक लिंग ढीला ही रहेगा। यह शरीर की सामान्य स्थिति होती है, न कि कोई बीमारी। शरीर के अंदर कुछ मांसपेशियाँ और नसें इस बात का ध्यान रखती हैं कि जब तक ज़रूरत न हो, लिंग में ज्यादा खून न जाए। इस वजह से लिंग आराम की स्थिति में मुलायम (flaccid) बना रहता है।
और जब व्यक्ति उत्तेजित होता है, तब दिमाग से एक संदेश लिंग तक पहुँचता है, जिससे लिंग की मांसपेशियाँ रिलैक्स हो जाती हैं। फिर लिंग में खून भरता है और वह सख्त हो जाता है। इस सख्त होने को ही इरेक्शन कहा जाता है। जैसे ही उत्तेजना ख़त्म होती है, मांसपेशियां फिर से सिकुड़ जाती हैं, नसें खुल जाती हैं और खून वापस बह जाता है जिससे लिंग वापस से ढीला हो जाता है।
ढीलापन कब समस्या बन जाता है?
जब उत्तेजना के बाद भी व्यक्ति का लिंग खड़ा नहीं होता, या खड़ा होकर जल्दी ही ढीला पड़ जाता है, और ऐसा बार बार हो रहा हो, तो यह समस्या बन जाता है, जिसे लोग बोलचाल की भाषा में लिंग का ढीला होना कहते हैं, और मेडिकल भाषा में इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन/स्तंभन दोष/ईडी के नाम से जाता है। इसलिए कई लोग जब “लिंग ढीला है” बोलते हैं, तो वे अनजाने में ईडी की ही बात कर रहे होते हैं। इसके लक्षण होते हैं:
- उत्तेजना के बाद भी लिंग खड़ा नहीं हो पाता
- सेक्स के दौरान लिंग जल्दी ढीला हो जाता है
- यौन इच्छा के बावजूद शरीर की प्रतिक्रिया का न मिलना
लिंग के ढीलेपन के कारण
लिंग बार बार सिर्फ एक ही वजह से ढीला नहीं पड़ता, इसके पीछे कई कारण होते हैं जो शारीरिक, मानसिक और आपकी जीवनशैली से जुड़े होते हैं।
- शारीरिक कारण:
- ब्लड सर्कुलेशन की समस्या: अगर शरीर में खून अच्छे से नहीं बहता है, तो लिंग में भी पूरा खून नहीं पहुंचता, जिसकी वजह से लिंग पूरा खड़ा नहीं हो पाता है। दिल की बीमारी, हाई बीपी और डायबिटीज जैसी बीमारियाँ इसका कारण बन सकती हैं [2]।
- नसों की समस्या: अगर रीढ़ की हड्डी या नसों में कोई चोट हो जाए, तो दिमाग से लिंग तक जो संदेश जाना चाहिए वो नहीं पहुँचता। इससे लिंग में उत्तेजना के बाद भी कोई बदलाव नहीं आता।
- हार्मोनल असंतुलन: अगर शरीर में टेस्टोस्टेरोन नाम का हार्मोन, जो पुरुषों के लिए बहुत ज़रूरी हॉर्मोन होता है, कम हो जाए, तो सेक्स की इच्छा भी कम हो जाती है और लिंग भी सख्त नहीं हो पाता।
- पैरोनी डिजीज (Peyronie Disease): यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें लिंग में अंदर से स्कार यानी जख्म के निशान बन जाते हैं। इससे लिंग टेढ़ा हो सकता है और सख्त नहीं हो पाता।
- मानसिक कारण:
- तनाव, चिंता और डिप्रेशन: अगर आप बहुत ज्यादा सोचते हैं, तनाव में रहते हैं या किसी बात की चिंता करते हैं, तो आपका दिमाग आराम से काम नहीं कर पाता। दिमाग का असर सीधा लिंग पर पड़ता है, जिससे उत्तेजना के बावजूद लिंग ढीला ही रहता है [3]।
- प्रदर्शन को लेकर डर (Performance Anxiety): अगर आप बार-बार अपनी सेक्स परफॉरमेंस को लेकर चिंतित हैं कि आप अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे या नहीं, तो डर के कारण भी आपका लिंग खड़ा नहीं होगा। इसे “परफॉर्मेंस एंजाइटी” कहते हैं [4]।
- रिश्तों की समस्या या आत्मविश्वास की कमी: कभी-कभी रिश्तों की दिक्कत या आत्मविश्वास की कमी भी लिंग के ढीले रहने की वजह बनती है।
- जीवनशैली से जुड़े कारण:
- शराब और स्मोकिंग: अगर कोई बहुत ज्यादा सिगरेट या शराब पीता है, तो उसका असर शरीर की नसों और खून के बहाव पर पड़ता है। जिससे लिंग में खून अच्छे से नहीं पहुँच पाता [5] [6]।
- ड्रग्स लेना: ड्रग्स का असर दिमाग और शरीर दोनों पर होता है, जिससे उत्तेजना और सख्ती दोनों पर असर पड़ता है।
- मोटापा और फिजिकली एक्टिव न होना: अगर कोई दिन भर बैठा रहता है, एक्सरसाइज नहीं करता, मोटापा बढ़ गया है, नींद पूरी नहीं ले रहा या खाना अच्छा नहीं खा रहा, तो भी यह सब लिंग के ढीले होने का कारण सेहत पर असर डाल सकते हैं [7]।
अगर आपका दिमाग लगातार तनाव, चिंता या परफॉर्मेंस के डर में डूबा है, तो शरीर का प्रतिक्रिया न देना एक आम बात है। सेक्स सिर्फ शरीर से नहीं, दिमाग से भी जुड़ा होता है।
इसको कैसे जांचा जा सकता है?
अगर आप भी बार बार लिंग के ढीले होने की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो सबसे पहले आपको इसका कारण जानना होगा कि ऐसा क्यों हो रहा है। इसके लिए आप डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। वे आपसे कुछ सवाल कर सकते हैं, जिससे वो ये जान सकें कि आखिर लिंग के ढीलेपन का कारण क्या हो सकता है।
डॉक्टर आपसे क्या पूछ सकते हैं?
- क्या आप कोई दवा ले रहे हैं?
- क्या आपको तनाव, चिंता या डिप्रेशन है?
- क्या रिश्ते में कोई तनाव चल रहा है?
- क्या सुबह या रात में कभी इरेक्शन होता है?
- ये समस्या कब से और कैसे शुरू हुई?
ये सवाल थोड़े पर्सनल हो सकते हैं, लेकिन जवाब देने से सही इलाज में मदद मिलती है। कभी-कभी डॉक्टर जरूरत पड़ने पर पार्टनर से भी बात कर सकते हैं।
ज़रूरी जाँचें
जब डॉक्टर को पता चलता है की ऐसा शारीरिक कारणों से हुआ है, तो वो कुछ ज़रूरी जांचें कराने की सलाह देते हैं, जैसे:
- ब्लड टेस्ट: हार्मोन, शुगर, थायरॉइड आदि की जांच के लिए
- यूरीन टेस्ट: डायबिटीज़ जैसी बीमारियाँ देखने के लिए
- डॉप्लर अल्ट्रासाउंड: लिंग में खून का बहाव कैसा है, ये देखने के लिए
- नसों की जांच: लिंग की सेंसिटिविटी को चेक करने के लिए
- वेसोएक्टिव इंजेक्शन: इरेक्शन आने पर खून की गति को चेक करने के लिए
लिंग के ढीलेपन का इलाज क्या हो सकता है?
जांच की तरह ही इसका इलाज भी इसकी वजह पर निर्भर करता है, जैसे:
अगर लिंग का ढीला होना आपकी जीवनशैली से जुड़ा है, तो:
- रोजाना कम से कम 30 मिनट तक हार्ट रेट को बढ़ाने वाली एक्सरसाइज करें, जैसे – साइकलिंग, स्विमिंग आदि [8]।
- अपना पेल्विक फ्लोर मजबूत करने के लिए कीगल एक्सरसाइज करें [9]।
- शराब, स्मोकिंग और ड्रग्स से दूरी बनाए रखें, क्योंकि ये लिंग में खून का बहाव कम करते हैं।
अगर लिंग मानसिक कारणों की वजह से ढीला हो रहा है, तो:
- तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और गहरी गहरी सांस लें क्योंकि तनाव आपकी सेक्सुअल संतुष्टि को कम कर सकता है।
- कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद रोजाना लें [10]।
- काउंसलिंग या थेरेपी का सहारा लें।
अगर लिंग के ढीले होने की वजह शारीरिक कारण हों तो:
- दवा बदलना: अगर किसी दवा की वजह से आपको ये परेशानी है, तो डॉक्टर से बात करके आप इस दवा को बदला सकते हैं।
- PDE5 इन्हिबिटर्स: कुछ दवाएं जैसे सिल्डेनफिल (Viagra), टाडालाफिल (Cialis) लिंग में खून का बहाव बढ़ाने में मदद करती हैं [11]।
- वैक्यूम डिवाइस: डॉक्टर्स वैक्यूम डिवाइस लगाने की सलाह दे सकते हैं, जो कि एक पंप होता है, जो लिंग में खून भरता है।
- हार्मोनल असंतुलन: अगर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी है, तो डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की सलाह दे सकते हैं [12]।
जब अन्य इलाज असर न करें, तो:
- पेनाइल इम्प्लांट या प्रोस्थेटिक सर्जरी: जब दवाएं और लाइफस्टाइल सुधार से कोई फायदा न हो, तब सर्जरी द्वारा एक इम्प्लांट डाला जा सकता है जिससे व्यक्ति जब चाहे इरेक्शन पा सकता है।
सेक्स से जुड़ी परेशानियों पर बात करना आसान नहीं होता, खासकर जब बात लिंग के ढीलेपन जैसी चीज़ों की हो। बहुत से पुरुष इसे लेकर चुप रहते हैं, शर्माते हैं या खुद को ही दोष देने लगते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि यह एक आम समस्या है, और इसका इलाज भी है। और यह भी जरूरी यह नहीं कि आपको अभी दवा की जरूरत है या सर्जरी की, जरूरी ये है कि आप अपने शरीर और मन को समझें। अगर कुछ समय से आपको लग रहा है कि चीज़ें पहले जैसी नहीं रहीं, तो खुद से भागने के बजाय किसी भरोसेमंद डॉक्टर या थैरेपिस्ट से बात करना पहला सही कदम हो सकता है, और कई बार तो सिर्फ लाइफस्टाइल में थोड़े बदलाव, एक्सरसाइज या थेरेपी से भी बहुत फर्क आ सकता है।
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