लिंग कितनी देर तक खड़ा रहना चाहिए? जानें सही समय
अगर आप सोच रहे हैं कि लिंग कितनी देर तक खड़ा रहना चाहिए, तो इसका कोई एक "सही" समय नहीं है। आमतौर पर सेक्स के दौरान इरेक्शन 5 से 10 मिनट तक रहना बिल्कुल सामान्य माना जाता है। यह समय शरीर, उम्र, मानसिक स्थिति और उत्तेजना पर निर्भर करता है। अगर इरेक्शन 4 घंटे से ज्यादा और दर्द के साथ रहे तो यह प्रियापिज़्म हो सकता है, जिसमें तुरंत डॉक्टर से संपर्क ज़रूरी है। खुद की तुलना दूसरों से करने के बजाय शरीर के संकेतों को समझना और ज़रूरत पर विशेषज्ञ से सलाह लेना सबसे बेहतर तरीका है।
“लिंग कितनी देर तक खड़ा रहना चाहिए?“, यह सवाल आज के दौर में हर उम्र के पुरुषों के मन में घूमता रहता है। इसकी एक वजह है समाज में सेक्स से जुड़ी चुप्पी, और दूसरी वजह है वो झूठी उम्मीदें जो पॉर्न या फिल्मों से हमारे मन में बन जाती हैं।
कई लोग मानते हैं कि अगर लिंग ज़्यादा देर तक खड़ा नहीं रह पा रहा, तो यह मर्दानगी में कमी या किसी समस्या का इशारा है। वहीं कुछ सोचते हैं कि बहुत देर तक लिंग खड़ा रहना चाहिए। लेकिन सच क्या है?
इस लेख में हम जानेंगे कि लिंग के खड़े रहने का सामान्य समय क्या होता है, किन परिस्थितियों में यह कम या ज़्यादा हो सकता है, और कब आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ सकती है। साथ ही, उन मिथकों को भी तोड़ेंगे जो पुरुषों को अनावश्यक तनाव और शर्मिंदगी में डालते हैं।
यह सवाल भारत में इतना आम क्यों है?
- घरों में सेक्स पर चुप्पी और रिश्तों की दूरी: बहुत से परिवारों में सेक्स पर बात करना “शरम की बात” माना जाता है। माँ-बाप बच्चों को “बिगड़ने” से बचाने के लिए उन्हें इस विषय से दूर रखते हैं, जिसका नतीजा ये होता है कि बच्चे गलत जगहों से इसके बारे में जानते और सीखते हैं, और कई सवालों के जवाब तो उन्हें मिलते ही नहीं है. यहाँ तक कि अक्सर शादीशुदा कपल्स (जोड़े) भी आपस में खुलकर बात नहीं कर पाते।
- फिल्मों और पॉर्न से बनी झूठी उम्मीदें: बचपन से ही हम बॉलीवुड फिल्मों में हीरो को बिना थके रोमांस करते देखते हैं। फिर पॉर्न में 30-40 मिनट तक चलने वाला सेक्स देख कर लोग असल ज़िंदगी में अपने शरीर को उसी कसौटी पर तौलने लगते हैं, जो न सिर्फ सच्चाई से कोसों दूर है, बल्कि नुकसानदायक भी है। जबकि सच तो ये है:
- पॉर्न केवल एक परफॉर्मेंस है, कोई हकीकत नहीं। उसमें कट, रीटेक और दवाओं का इस्तेमाल होता है।
- असली ज़िंदगी में सेक्स का औसत समय (जब लिंग अंदर जाता है) सिर्फ़ 5 से 10 मिनट होता है, और वो पूरी तरह नॉर्मल है
- इरेक्शन से जुड़ी मर्दानगी की गलतफहमियाँ: हमारे समाज में अक्सर इरेक्शन यानी लिंग के खड़े होने को सिर्फ एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि मर्दानगी की पहचान मान लिया जाता है। बचपन से ही बहुत से लड़कों को ऐसी बातें सुनने को मिलती हैं जैसे – “वीर्य बर्बाद करोगे तो कमज़ोर हो जाओगे” या “ब्रह्मचर्य रखने से ही असली ताकत आती है।”
इन बातों के चलते धीरे-धीरे यह धारणा बन जाती है कि अगर सेक्स जल्दी खत्म हो गया या लिंग ज़्यादा देर तक खड़ा नहीं रह पाया, तो शायद मर्द होने में ही कोई कमी है।
रिसर्च क्या कहती है?
रिसर्च के अनुसार, लिंग को कितनी देर तक खड़ा रहना चाहिए, इसका कोई एक तय समय नहीं है। यह पूरी तरह आपकी शारीरिक उत्तेजना, मानसिक स्थिति, मूड, पार्टनर से जुड़ाव और आपके ऑर्गेज़्म तक पहुंचने में लगने वाले समय जैसी कई चीज़ों पर निर्भर करता है।
हालांकि इस पर बहुत ज़्यादा रिसर्च नहीं हुई है, लेकिन एक अध्ययन के अनुसार, IELT (Intravaginal Ejaculation Latency Time) यानी योनि में प्रवेश करने के बाद स्खलन (ejaculation) तक का औसत समय 33 सेकंड से लेकर 44 मिनट तक अलग-अलग पाया गया। औसतन, यह करीब 5 मिनट था [1], वहीं एक और रिसर्च के मुताबिक, रात में नींद के दौरान जो इरेक्शन अपने-आप होते हैं, वे आमतौर पर 10 मिनट या उससे ज्यादा तक रहते हैं और रातभर में कई बार होते हैं [2]। इससे पता चलता है कि आपकी बॉडी नॉर्मल
और स्वस्थ ढंग से काम कर रही है, जिसका सीधा मतलब है कि कोई भी समय “सही” या “गलत” नहीं है.
इरेक्शन का कोई परफेक्ट टाइम नहीं है। हर शरीर अलग काम करता है। पॉर्न से तुलना छोड़ दें, अपने शरीर को समझें और अगर कोई समस्या हो तो डॉक्टर से खुलकर बात करें। सही जानकारी ही सही समाधान है।
क्या बहुत देर तक लिंग का खड़े रहना खतरनाक हो सकता है?
हाँ, अगर लिंग चार घंटे से ज़्यादा खड़ा रहे और उसमें दर्द या परेशानी हो, तो यह स्थिति Priapism (प्रियापिज़्म) कहलाती है, और यह एक मेडिकल इमरजेंसी मानी जाती है [3]। इसमें लिंग में खून भर तो जाता है, लेकिन सही समय पर बाहर नहीं निकल पाता, जिससे लगातार इरेक्शन बना रहता है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो लिंग की अंदरूनी बनावट को नुकसान हो सकता है, जिससे भविष्य में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) की समस्या हो सकती है।
इसके 2 प्रकार होते हैं:
- इस्कीमिक प्रियापिज़्म: यह बहुत आम, दर्दनाक, और ज्यादा गंभीर होता है। इसमें लिंग तो सख्त रहता है लेकिन उसका सिरा नरम होता है।
- नॉन-इस्कीमिक प्रियापिज़्म: यह कम दर्दनाक होता है, लेकिन फिर भी ध्यान देना चाहिए।
अगर आपको लगे कि इरेक्शन 4 घंटे से ज़्यादा बना हुआ है, और वो भी दर्दनाक है, तो देर न करें। तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाएं।

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लिंग के खड़े रहने को लेकर कुछ मिथक और उनकी सच्चाई
- अगर लिंग 30 मिनट से ज़्यादा देर खड़ा रहे तो कुछ गड़बड़ है।
30 मिनट तक लिंग का खड़े होना रहना हर किसी के लिए गड़बड़ नहीं होता। असली चिंता तो तब होती है जब इरेक्शन 4 घंटे से ज़्यादा बना रहे और उसमें दर्द या परेशानी हो, जिसे Priapism (प्रियापिज़्म) कहते हैं और इसके लिए तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए [3]। - मेरा इरेक्शन मेरे दोस्त से कम समय तक रहता है, तो मुझमें कुछ कमी है।
हर शरीर अलग होता है। दूसरों से तुलना करने के बजाय अपनी स्थिति को समझना, अपने अनुभवों पर ध्यान देना और स्वीकार करना ज़्यादा फायदेमंद होता है. - ऑर्गेज्म के लिए पूरा इरेक्शन ज़रूरी है।
कई लोगों को बिना पूरी तरह लिंग खड़े हुए भी ऑर्गैज़्म हो सकता है। इसका मतलब ये नहीं कि आपकी यौन क्षमता में कोई कमी है। - इरेक्शन का एक तय, “नॉर्मल” समय होता है।
ऐसा कोई एक तय समय नहीं है। रिसर्च बताती है कि सेक्स के दौरान औसतन इरेक्शन 5 से 7 मिनट तक रहता है, लेकिन यह कुछ मिनटों से लेकर आधे घंटे तक भी हो सकता है, और यह पूरी तरह व्यक्ति की उम्र, सेहत और मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है। - दवाओं से समय बढ़ाना अच्छा होता है।
बाजार में मिलने वाली कई दवाएं और स्प्रे यह दावा करते हैं कि वो लिंग के खड़े रहने का समय बढ़ा देंगे या सेक्स को “लंबा और बेहतर” बना देंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि अगर इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के लिया जाए, तो ये आपके शरीर पर उल्टा असर डाल सकते हैं। - पोर्न जैसा प्रदर्शन ही असली मर्दानगी का सबूत है।
पोर्न फिल्मों में जो आप देखते हैं, वो असलियत नहीं होती। वो सब एक तय स्क्रिप्ट के हिसाब से शूट किया गया होता है। वहाँ कैमरा एंगल, लाइटिंग, कट्स, रीटेक्स और प्रोफेशनल एक्टर होते हैं, जिन्हें परफॉर्म करने की खास ट्रेनिंग दी गई होती है। उन्हें बीच-बीच में ब्रेक भी मिलते हैं, और हर सीन को “परफेक्ट” दिखाने के लिए कई बार दोहराया जाता है। असल ज़िंदगी में सेक्स ऐसा बिल्कुल नहीं होता और न ही होना चाहिए।
लिंग को ज़्यादा देर तक खड़ा रखने के कुछ आसान तरीके
अगर इरेक्शन जल्दी खत्म हो जाता है, तो कुछ आसान तकनीकों और उपायों से इसमें सुधार लाया जा सकता है:
- स्टार्ट-स्टॉप या ‘Edging’ तकनीक अपनाएं
इसमें आप खुद को ऑर्गैज़्म के करीब लाकर रुक जाते हैं और कुछ समय बाद दोबारा उत्तेजना शुरू करते हैं। इसे एक सेशन में 2–3 बार दोहराने से धीरे-धीरे ऑर्गैज़्म पर कंट्रोल बढ़ता है और इरेक्शन लंबे समय तक बना रहता है। आप इसे अकेले या अपने पार्टनर के साथ भी आज़मा सकते हैं [4]।
- स्क्वीज़ (Squeeze) तकनीक
इसमें जब आपको ऑर्गैज़्म का अहसास होने लगे, तो लिंग की नोक (ग्लान्स) को हल्के दबाव से तब तक पकड़ें जब तक उत्तेजना कम न हो जाए। यह भी एक व्यवहारिक तरीका है जिससे नियंत्रण बढ़ता है।
- अन्य उपाय
-
- क्लाइमैक्स कंट्रोल कंडोम का इस्तेमाल करें [5]
- सेक्स से 1–2 घंटे पहले मास्टर्बेशन करें
- पेनिस रिंग या पंप का इस्तेमाल करें (डॉक्टर से पूछकर)
- दवाओं की मदद लें (ED मेडिकेशन)
अगर इरेक्शन जल्दी ढीला हो जाता है या बहुत जल्दी स्खलन हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर PDE5 इनहिबिटर दवाएं (जैसे सिल्डेनाफिल, टैडालाफिल आदि) ली जा सकती हैं [6]। ये लिंग में खून का बहाव बढ़ाकर इरेक्शन को बेहतर बनाती हैं।
स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें
- नियमित एक्सरसाइज़ करें
- स्मोकिंग बंद करें
- वज़न संतुलित रखें
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें
- शराब का सेवन कम करें
- पार्टनर से खुलकर बात करें
परफॉर्मेंस को लेकर मन में अगर कोई चिंता या दबाव है, तो इससे इरेक्शन पर असर पड़ सकता है। पार्टनर से ईमानदारी और खुलेपन से बात करने से मन हल्का होता है और आपसी समझ भी बढ़ती है।
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