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अश्वगंधा एक प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जिसे लंबे समय से ऊर्जा बढ़ाने, तनाव कम करने और यौन स्वास्थ्य को सपोर्ट करने के लिए जाना जाता है। कुछ अध्ययनों में हल्का फायदा दिखा है, लेकिन इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) की दवा नहीं माना जाता। यह केवल एक सप्लीमेंट है, इसलिए इसे सहायक जड़ी-बूटी की तरह ही इस्तेमाल करना चाहिए। ज़रूरी है कि आप भरोसेमंद ब्रांड चुनें और इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर करें।

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भारत में जब भी “ताकत” या “स्टैमिना” की बात होती है, तो लोगों की ज़ुबान पर सबसे पहले जिन चीज़ों का नाम आता है उनमें से एक है: अश्वगंधा। यह (Withania somnifera) आयुर्वेद की सबसे प्रसिद्ध जड़ी-बूटियों में से एक है। भारत में इसे “इंडियन जिनसेंग” या “विंटर चेरी” भी कहा जाता है और सदियों से इसका इस्तेमाल तनाव कम करने, ताकत बढ़ाने और यौन स्वास्थ्य सुधारने के लिए किया जाता रहा है।आजकल यह खासतौर पर पुरुषों में “सेक्स पावर बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी” के नाम से मशहूर है। कैप्सूल, अश्वगंधा टेबलेट, पाउडर (अश्वगंधा चूर्ण), सिरप, गमीज़ और एनर्जी बार्स तक में इसका इस्तेमाल होता है।

लेकिन क्या सच में अश्वगंधा ED के लिए मददगार है? या यह सिर्फ मार्केटिंग का हिस्सा है? आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

अश्वगंधा क्या है?

अश्वगंधा (Withania somnifera) एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग हज़ारों सालों से किया जा रहा है। इसका नाम संस्कृत से आया है। “अश्व” का मतलब होता है घोड़ा और “गंध” का मतलब सुगंध, यानी ऐसी जड़ी-बूटी जो घोड़े जैसी ताकत और ऊर्जा दे। इस पौधे की जड़ और पत्तियों का उपयोग औषधीय रूप से किया जाता है। पारंपरिक रूप से इसे:

  • तनाव कम करने
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने
  • शारीरिक ताक़त सुधारने
  • और पुरुष के बच्चे पैदा करने की क्षमता (fertility) बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।
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क्या आपने कभी अश्वगंधा को “सेक्स पावर बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी” के तौर पर आज़माया है?
हाँ, और मुझे फ़ायदा हुआ
हाँ, लेकिन कोई असर नहीं दिखा
नहीं, लेकिन ट्राई करना चाहता हूँ
नहीं, और ट्राई भी नहीं करना चाहता

यौन स्वास्थ्य और ED के लिए अश्वगंधा कैसे मदद कर सकती है?

तनाव और चिंता कम करना

ED का एक बड़ा कारण मानसिक तनाव और प्रदर्शन की चिंता होती है। अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन है, यानी यह शरीर को तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करती है।

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  • रिसर्च बताती है कि यह कोर्टिसोल हार्मोन को कम कर सकती है, जिससे मन शांत रहता है।
  • जब दिमाग रिलैक्स होता है, तो सेक्सुअल परफॉर्मेंस भी बेहतर हो सकती है।

हार्मोनल संतुलन और टेस्टोस्टेरोन बढ़ाना

कुछ अध्ययनों में पाया गया कि अश्वगंधा पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल हल्का बढ़ा सकती है।

  • टेस्टोस्टेरोन यौन इच्छा (लिबिडो) और ऊर्जा के लिए ज़िम्मेदार हार्मोन है [4]।
  • हालांकि, यह प्रभाव इतना बड़ा नहीं है कि इसे अकेले ED का इलाज कहा जा सके।

ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाना

अश्वगंधा का सेवन करने वाले कई लोग बताते हैं कि इससे थकान कम होती है और स्टैमिना बढ़ता है। और जब हमारे शरीर में ऊर्जा होती है, तो यौन जीवन भी अपने आप बेहतर महसूस होने लगता है [5]।

लेकिन ध्यान रहे: ये सभी फायदे अप्रत्यक्ष हैं। इसका मतलब है कि अश्वगंधा सीधे तौर पर इरेक्शन पैदा नहीं करती, बल्कि उन कारणों पर काम करती है जो ED को और बिगाड़ सकते हैं।

अश्वगंधा के बारे में वैज्ञानिक रिसर्च क्या कहती है?

जब हम किसी हर्बल सप्लीमेंट को “ED की दवा” कहकर इस्तेमाल करते हैं, तो यह समझना ज़रूरी है कि क्या वाकई इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक प्रमाण हैं या नहीं। अश्वगंधा पर कई छोटे और बड़े अध्ययन हुए हैं, लेकिन उनकी क्वालिटी और नतीजे बहुत अलग-अलग रहे हैं।

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  • मनोवैज्ञानिक (Psychogenic) ED पर असर: कुछ रिसर्च में अश्वगंधा लेने वाले पुरुषों को थोड़ा फायदा मिला, लेकिन असर बहुत बड़ा नहीं था। कुल सुधार 25% से भी कम पाया गया [1]। यानी इससे  हल्की मदद तो मिल सकती है, पर उसे ही आप इलाज नहीं मान सकते।
  • टेस्टोस्टेरोन और यौन इच्छा: कुछ रिसर्च बताती हैं कि अश्वगंधा लेने से:
  • पुरुषों की यौन इच्छा (sex drive) थोड़ी बढ़ सकती है।
  • टेस्टोस्टेरोन हार्मोन में हल्का सुधार हो सकता है [2]।

लेकिन ये दोनों ही बातें इरेक्शन की गारंटी नहीं देतीं। इरेक्टाइल डिसफंक्शन कई बार हार्मोन के अलावा ब्लड फ्लो या नर्व की गड़बड़ी से भी जुड़ा होता है।

  • एनिमल स्टडीज़: कुछ रिसर्च जानवरों पर भी हुई हैं। उनमें पाया गया कि कभी-कभी अश्वगंधा का असर उल्टा भी हुआ और उनका यौन व्यवहार कम हो गया। इंसानों में ऐसा साबित नहीं हुआ है, लेकिन यह दिखाता है कि डोज़ और शरीर की प्रतिक्रिया मायने रखती है।

इसका मतलब है कि अश्वगंधा को सपोर्टिव हर्ब माना जा सकता है यानी यह आपकी डाइट, नींद, तनाव-मैनेजमेंट और कभी-कभी दवाओं के साथ मिलकर असर दिखा सकती है।, लेकिन इसे ED की मुख्य दवा नहीं कहा जा सकता। तो अगर आपको सीरियस इरेक्टाइल डिसफंक्शन है (जैसे डायबिटीज़, हार्ट डिज़ीज़, नर्व डैमेज की वजह से), तो सिर्फ़ अश्वगंधा से इलाज नहीं होगा।

कई पुरुषों को लगता है कि सिर्फ जड़ी-बूटी लेने से इरेक्शन सुधर जाएगा, लेकिन असली कारण पता करना ज़रूरी है। डॉक्टर की सलाह के बिना सिर्फ सप्लीमेंट पर भरोसा करना पर्याप्त नहीं होता।

क्या अश्वगंधा से नुकसान भी हो सकता है?

वैसे तो अश्वगंधा ED का कारण नहीं बनती। ज्यादातर स्वस्थ वयस्कों के लिए यह सेफ ही मानी जाती है, लेकिन कुछ स्थितियों में सावधानी जरूरी है, खासकर:

  • जिन्हें ऑटोइम्यून डिज़ीज़ है।
  • थायराइड की समस्या वाले लोग।
  • डायबिटीज के मरीज (क्योंकि यह ब्लड शुगर पर असर डाल सकती है)।
  • वे लोग जो पहले से दवाइयाँ ले रहे हैं (जैसे सेडेटिव्स या ब्लड प्रेशर मेडिसिन)।

अश्वगंधा पर सरकारी और मेडिकल गाइडलाइंस

AYUSH मंत्रालय (भारत):
भारत में आयुर्वेद को बढ़ावा देने वाला मंत्रालय अश्वगंधा को एक सुरक्षित और पारंपरिक जड़ी-बूटी मानता है। इसके तनाव, नींद और ऊर्जा पर सकारात्मक असर को स्वीकार भी किया गया है। लेकिन ED के इलाज के तौर पर इसे आधिकारिक मान्यता नहीं दी गई है। यानी सरकार भी इसे सपोर्टिव सप्लीमेंट मानती है, न कि सीधा इलाज।

वैश्विक मेडिकल गाइडलाइंस:
अमेरिका, यूरोप और WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की गाइडलाइंस में अश्वगंधा का नाम ED की दवा के तौर पर शामिल नहीं है। अभी तक जिन दवाओं को मान्यता मिली है, वो हैं प्रिस्क्रिप्शन वाली गोलियाँ, जैसे Sildenafil (Viagra), Tadalafil (Cialis) और Vardenafil [3]।

ED और यौन स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा कितनी और कैसे लें?

अश्वगंधा की मात्रा हर किसी के लिए अलग हो सकती है। यह आपकी उम्र, शरीर की ज़रूरत और आप इसे किस उद्देश्य से ले रहे हैं, इन बातों पर निर्भर करता है। फिर भी, रिसर्च और डॉक्टरों के अनुभव से कुछ सामान्य गाइडलाइन सामने आई हैं:

  • कैप्सूल या टैबलेट (स्टैंडर्डाइज्ड एक्सट्रैक्ट): ज्यादातर स्टडीज़ में 300 mg की खुराक दिन में दो बार दी गई है।
  • पाउडर (चूर्ण): आयुर्वेद में इसे 3–6 ग्राम तक गुनगुने दूध या पानी के साथ लेने की परंपरा है।
  • ज़्यादा खुराक: कुछ रिसर्च में 500–600 mg तक भी इस्तेमाल किया गया, लेकिन यह हमेशा डॉक्टर की देखरेख में होना चाहिए।

हर कंपनी या ब्रांड की गुणवत्ता अलग हो सकती है। इसलिए हमेशा भरोसेमंद ब्रांड चुनें और पैकेट पर लिखी गाइडलाइन को फॉलो करें। और अगर आपको डायबिटीज़, थायरॉइड या कोई और पुरानी बीमारी है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के खुराक तय न करें।

निष्कर्ष

अश्वगंधा एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो तनाव घटाने, ऊर्जा बढ़ाने और टेस्टोस्टेरोन सपोर्ट करने में मददगार हो सकती है [6]। यह यौन स्वास्थ्य को अप्रत्यक्ष रूप से सुधार सकती है, लेकिन इरेक्टाइल डिसफंक्शन की सिद्ध और सीधी दवा नहीं है। अगर आपको ED है, तो सबसे पहले इसका असली कारण जानना ज़रूरी है। अश्वगंधा को आप एक सपोर्टिव सप्लीमेंट के तौर पर ले सकते हैं, लेकिन इसे इलाज का विकल्प मानना ग़लत होगा।

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