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नपुंसकता (Erectile Dysfunction) एक आम समस्या है जिसमें लिंग खड़ा नहीं होता या टिकता नहीं है। इसके लक्षणों में सेक्स की इच्छा में कमी, लिंग में तनाव न आना, या जल्दी स्खलन होना शामिल है। कारण शारीरिक (जैसे डायबिटीज, हाई बीपी), मानसिक (तनाव, डिप्रेशन), और जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं। इलाज में दवाएं, काउंसलिंग, हार्मोन थेरेपी और लाइफस्टाइल में सुधार शामिल हैं। सही जानकारी, डॉक्टर की मदद और समय पर इलाज से यह समस्या दूर की जा सकती है।

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नपुंसकता, जिसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) भी कहा जाता है, पुरुषों में पाई जाने वाली एक आम यौन समस्या है।  इसमें पुरुष का लिंग सेक्स के समय ठीक से खड़ा (इरेक्ट) नहीं हो पाता, या खड़ा तो होता है लेकिन ज्यादा देर तक नहीं रह पाता। यह समस्या कभी-कभी हो तो सामान्य है, लेकिन अगर लिंग में कमज़ोरी बार-बार हो रही हो, तो यह चिंता की बात हो सकती है और इलाज की ज़रूरत पड़ती है। एक 2019 की समीक्षा के अनुसार, समलैंगिक पुरुषों (Gay Men) में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दर हेटेरोसेक्शुअल पुरुषों की तुलना में अधिक पाई गई है [1]। हालांकि इसके पीछे के कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं और इस क्षेत्र में और शोध की आवश्यकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे:

  • नपुंसकता के लक्षण (Erectile Dysfunction Symptoms)
  • नपुंसकता के प्रकार (Types of Erectile Dysfunction)
  • नपुंसकता के कारण (Causes of Erectile Dysfunction)
  • नपुंसकता के उपचार (Treatment of Erectile Dysfunction)

नपुंसकता के लक्षण

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण कई सारे होते हैं जिन्हें समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। कुछ पुरुष इसे उम्र का असर मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो अगर यह स्थिति लगभग 6 महीने या उससे अधिक समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है [2]:

  • लिंग में उत्तेजना आने में कठिनाई होना: जब पुरुष को यौन उत्तेजना के समय भी लिंग में तनाव महसूस न हो या महसूस होने में बहुत देर लगे।
  • लिंग का खड़ा न रह पाना: कई बार लिंग खड़ा तो हो जाता है लेकिन वह पर्याप्त समय तक नहीं टिकता जिससे सेक्स करना मुश्किल हो जाता है।
  • सेक्स की इच्छा में कमी (Low Libido): जब पुरुष में सेक्स के प्रति रुचि कम हो जाती है या बिल्कुल भी नहीं रहती।
  • कभी-कभी ही लिंग में उत्तेजना आना: जब व्यक्ति को कुछ समय या किसी खास परिस्थिति में ही उत्तेजना आती है, जैसे अकेले या सुबह के समय लेकिन सेक्स के दौरान नहीं।
  • स्खलन में समस्या: कई बार नपुंसकता के साथ-साथ शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) या स्खलन न हो पाना (Delayed or Absent Ejaculation) भी देखने को मिलता है [3]।
  • संतुष्टि की कमी: सेक्स के बाद भी संतुष्टि महसूस न होना और मानसिक थकावट का अनुभव होना।
  • रिश्तों में तनाव: सेक्स में असफलता के कारण आत्मग्लानि, शर्मिंदगी, और रिश्तों में दूरी आना भी लक्षणों का हिस्सा हो सकता है [4]।

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यदि ये लिंग की कमज़ोरी के लक्षण कभी-कभी दिखते हैं तो चिंता की बात नहीं, लेकिन यदि ये बार-बार हों तो यह नपुंसकता की ओर इशारा कर सकते हैं।’

हम हमेशा सेक्स हेल्थ को नज़रअंदाज़ करते हैं, लेकिन शरीर और मन दोनों के संतुलन से ही बेहतर यौन स्वास्थ्य मिलता है।

नपुंसकता के प्रकार 

  • प्राइमरी इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Primary ED): इसमें पुरुष ने अपने जीवन में कभी भी सफल सेक्स नहीं किया होता है। यह बहुत रेयर होता है और अक्सर मानसिक या जन्मजात कारणों से होता है।
  • सेकेंडरी इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Secondary ED): यह सबसे आम प्रकार है। इसमें पहले नॉर्मल सेक्स होता था लेकिन अब किसी कारणवश लिंग में उत्तेजना आनी बंद हो गई होती है। 
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आपकी सबसे बड़ी चिंता क्या है?
इरेक्शन की कमजोरी या लिंग में ढीलापन
यौन इच्छा की कमी
जल्दी स्खलन या उत्तेजना की कमी
कोई और स्वास्थ्य समस्या (जैसे डायबिटीज, हाई BP)

नपुंसकता के कारण 

नपुंसकता को मुख्यतः 3 श्रेणियों में बाँटा जा सकता है, जैसे:

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1. शारीरिक कारण 

  • डायबिटीज: ब्लड शुगर का असंतुलन नसों और खून के बहाव को नुकसान पहुँचाता है। एक स्टडी के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) का खतरा उन लोगों की तुलना में 3 से 4 गुना ज़्यादा होता है, जिन्हें डायबिटीज नहीं है। यह आंकड़ा बताता है कि डायबिटीज और ED के बीच गहरा संबंध है [5]।
  • हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी: लिंग तक पर्याप्त खून नहीं पहुंचता।
  • कम टेस्टोस्टेरोन: यौन इच्छा और इरेक्शन दोनों प्रभावित होते हैं [6]।
  • न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: नसों में बाधा होने से दिमाग के संकेत लिंग तक नहीं पहुंचते।
  • पेरोनी रोग: लिंग टेढ़ा हो जाता है जिससे दर्द और इरेक्शन में समस्या होती है [7]।
  • दवाओं के साइड इफेक्ट: हाई BP, डिप्रेशन और प्रोस्टेट की दवाएं भी इरेक्शन पर असर डालती हैं।

2. मानसिक कारण

  • तनाव और चिंता: दिमाग में चल रहे तनाव से सेक्स में ध्यान नहीं लग पाता।
  • डिप्रेशन: मनोदशा में कमी से यौन इच्छा और उत्तेजना दोनों घट जाती हैं।
  • प्रदर्शन की चिंता: सेक्स को लेकर डर या असफलता का डर इरेक्शन को रोक सकता है। इसको ‘परफॉर्मन्स एंग्जायटी (Performance Anxiety)’ नाम से भी जाना जाता है [8]।
  • रिश्तों में समस्या: पार्टनर से दूरी या तनाव का असर यौन प्रदर्शन पर पड़ता है।

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3. जीवनशैली संबंधी कारण

  • स्मोकिंग और शराब: रक्त संचार और हार्मोन पर बुरा असर डालते हैं।
  • मोटापा: इससे टेस्टोस्टेरोन कम होता है और खून के बहाव में बाधा लाता है।
  • फिजिकल एक्टिविटी की कमी: इससे रक्त संचार और एनर्जी दोनों कमजोर पड़ती हैं।
  • नींद की कमी: हार्मोन असंतुलन और तनाव दोनों को बढ़ाती है।
  • खराब खानपान: शरीर को ज़रूरी न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता जिससे सेक्स हेल्थ प्रभावित होती है।

Allo Health का डेटा क्या कहता है?

Allo Health पर हजारों पुरुषों ने यौन समस्याओं से जुड़ी चिंताओं के साथ डॉक्टर से संपर्क किया है। इस डेटा से हमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) के कारणों और इलाज के पैटर्न को बेहतर समझने में मदद मिलती है:

  • 13,000+ केसों में Erectile Dysfunction की पहचान हुई है।
  • इनमें से लगभग 80% मामलों में ED के साथ अन्य समस्याएं भी जुड़ी थीं, जैसे: 
    • Premature Ejaculation (शीघ्रपतन)
    • Low Sexual Desire (यौन इच्छा में कमी)
    • Compulsive Masturbation (बार-बार हस्तमैथुन की आदत)
    • Porn Addiction (पोर्न की लत) 
  • मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं जैसे तनाव, प्रदर्शन की चिंता और डिप्रेशन, लगभग 70% पुरुषों में ED के साथ देखी गईं।
  • लगभग 12,000 पुरुषों ने बताया कि उन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हॉर्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं थीं, जो इरेक्शन को सीधे प्रभावित करती हैं।

यह डेटा दिखाता है कि नपुंसकता सिर्फ एक शारीरिक समस्या नहीं, बल्कि जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और रिश्तों से जुड़ी जटिल स्थिति है। 

नपुंसकता का उपचार 

नपुंसकता के इलाज में कारण की पहचान सबसे जरूरी है। एक बार कारण स्पष्ट हो जाए, तो इलाज आसान हो जाता है।

  • दवाएं (Medicines for Erectile Dysfunction): सिल्डेनाफिल, टैडालाफिल, वॉर्डेनाफिल और अवनाफिल जैसी दवाएं लिंग में खून का बहाव बढ़ाकर लिंग में कमजोरी के लक्षण को दूर करती हैं। लेकिन ये दवाएं डॉक्टर की सलाह से ही लें [9]। 
  • हार्मोनल थेरेपी: यदि टेस्टोस्टेरोन की कमी नपुंसकता का कारण है, तो यह थेरेपी हार्मोन संतुलन सुधारकर नपुंसकता के लक्षण कम करती है।
  • काउंसलिंग / साइकोथेरेपी: अगर तनाव, चिंता या रिश्तों से जुड़ी मानसिक समस्याएं इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण का कारण हैं तो साइकोथेरेपी असरदार होती है।
  • लाइफस्टाइल में बदलाव: स्मोकिंग और शराब छोड़ना, नियमित व्यायाम, अच्छी नींद और हेल्दी डाइट नपुंसकता के लक्षण इन हिंदी में बताए गए प्रमुख सुधार उपायों में से हैं [10]।
  • मेडिकल डिवाइसेस और सर्जरी: वैक्यूम पंप और पेनाइल इम्प्लांट जैसे उपकरण या सर्जरी उन पुरुषों के लिए उपयोगी हैं जिनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लक्षण लंबे समय से बने हुए हैं।

निष्कर्ष

इरेक्टाइल डिसफंक्शन यानी नपुंसकता एक सामान्य लेकिन संवेदनशील विषय है। इसके लक्षण जैसे लिंग में कमजोरी, यौन इच्छा में कमी, इरेक्शन में कठिनाई आपकी यौन और मानसिक सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन सही जानकारी, इलाज और डॉक्टर की मदद से इसे दूर किया जा सकता है।

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