ED की जांच: कौन-से टेस्ट होते हैं और कब डॉक्टर को दिखाएं
इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक आम समस्या है जिसमें पेनिस में इरेक्शन ठीक से नहीं आता या टिक नहीं पाता। इसके लक्षणों में कमजोर इरेक्शन, बार-बार इरेक्शन का टूट जाना और सुबह के इरेक्शन की कमी शामिल हैं। ED के कारण तनाव, डायबिटीज़, दिल की बीमारी, हार्मोनल गड़बड़ी या खराब लाइफस्टाइल हो सकते हैं। इसकी जाँच आमतौर पर डॉक्टर से बातचीत, शारीरिक जांच और कुछ सरल ब्लड टेस्ट जैसे शुगर, कोलेस्ट्रॉल और टेस्टोस्टेरोन से की जाती है। सही जांच के बाद इलाज शुरू करने से ज़्यादातर मामलों में अच्छा सुधार संभव होता है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) एक आम समस्या है, लेकिन इसके बारे में खुलकर बात करना आज भी कई पुरुषों के लिए मुश्किल होता है। कभी-कभार इरेक्शन में दिक्कत होना सामान्य हो सकता है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार होने लगे, तो यह शरीर में किसी अंदरूनी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकती है।
ED सिर्फ यौन समस्या नहीं है। कई मामलों में यह डायबिटीज़, दिल की बीमारी, हार्मोनल असंतुलन या लंबे समय के तनाव जैसी स्थितियों से जुड़ा होता है। इसलिए सही जाँच कराना इलाज की सबसे ज़रूरी पहली सीढ़ी है।[1]
ED की जाँच क्यों ज़रूरी है?
ED को केवल “परफॉर्मेंस इश्यू” समझना एक बड़ी गलती हो सकती है। सही जाँच से:
- छुपी हुई बीमारियों (जैसे डायबिटीज़ या हार्ट प्रॉब्लम) का पता चलता है
- समस्या के बिगड़ने से पहले इलाज शुरू हो सकता है
- इलाज ज़्यादा असरदार और लंबे समय तक काम करता है
- मानसिक तनाव और बेचैनी (anxiety) कम होती है
याद रखें, ED कोई कमजोरी नहीं बल्कि एक मेडिकल कंडीशन है।
ED की जाँच में क्या-क्या शामिल होता है?
अधिकतर मामलों में ED की जाँच सरल होती है और इसमें किसी दर्दनाक प्रक्रिया की ज़रूरत नहीं होती। आमतौर पर डॉक्टर इन तरीकों से ED का कारण समझते हैं:
- मेडिकल, यौन और मानसिक स्वास्थ्य का इतिहास
- शारीरिक परीक्षण
- बेसिक ब्लड टेस्ट
- ज़रूरत पड़ने पर कुछ विशेष (advanced) टेस्ट
डॉक्टर से खुलकर बात करना सही निदान के लिए सबसे ज़रूरी होता है।[2]

1: मेडिकल, यौन और मानसिक स्वास्थ्य हिस्ट्री
मेडिकल हिस्ट्री
डॉक्टर आपसे पूछ सकते हैं:
- क्या आपको डायबिटीज़, हाई BP, दिल की बीमारी या थायरॉइड की समस्या है
- कोई पुरानी सर्जरी या चोट (खासतौर पर पेल्विक या रीढ़ की)
- आप कौन-कौन सी दवाइयाँ लेते हैं; इसमें सप्लीमेंट्स और ओवर-द-काउंटर दवाइयाँ भी शामिल हैं
कुछ दवाइयाँ जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स, BP की दवाइयाँ या हार्मोनल ट्रीटमेंट भी ED का कारण बन सकती हैं।
यौन और मानसिक स्वास्थ्य
डॉक्टर यह भी जानना चाहेंगे:
- इरेक्शन की समस्या कब शुरू हुई
- क्या सुबह या नींद में इरेक्शन होता है
- यौन इच्छा, स्खलन और ऑर्गैज़्म से जुड़ी जानकारी
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन या रिश्तों से जुड़ी परेशानियाँ
- स्मोकिंग, शराब, एक्सरसाइज़ और खान-पान की आदतें
इन सवालों से यह समझने में मदद मिलती है कि ED शारीरिक, मानसिक, या दोनों का मिश्रण है।
Self-Assessment (IIEF-5): डॉक्टर अक्सर एक standard questionnaire का इस्तेमाल करते हैं जिसे IIEF-5 कहते हैं। इसमें आपकी इरेक्शन की कठोरता और उसे बनाए रखने की क्षमता को स्कोर किया जाता है, जिससे ED की severity (mild, moderate या severe) समझ में आती है।[3]
शारीरिक परीक्षण (Physical Check-Up)
शारीरिक जांच से डॉक्टर यह देख सकते हैं कि कहीं कोई ऐसी समस्या तो नहीं जो इरेक्शन को प्रभावित कर रही हो।
इसमें शामिल हो सकता है:
- ब्लड प्रेशर, वजन, BMI और कमर की माप
- दिल और खून के बहाव की जाँच
- नर्व्स और रिफ्लेक्स की जाँच
- लिंग और अंडकोष (testis) की जांच
- हार्मोनल असंतुलन के संकेत
क्योंकि ED अक्सर blood flow से जुड़ी समस्या होती है, इसलिए दिल की सेहत को जांचना भी ज़रूरी होता है।
3: लैब टेस्ट (ब्लड टेस्ट)
ED के कारणों को समझने के लिए कुछ आम ब्लड टेस्ट किए जाते हैं:
- ब्लड शुगर (HbA1c या फास्टिंग ग्लूकोज़): डायबिटीज़ की जाँच के लिए
- लिपिड प्रोफाइल: कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी का जोखिम
- टेस्टोस्टेरोन स्तर: सुबह के समय जाँच की जाती है
- थायरॉइड फंक्शन टेस्ट: थायरॉइड की गड़बड़ी ED को प्रभावित कर सकती है
- PSA टेस्ट: कुछ मामलों में प्रोस्टेट स्वास्थ्य देखने के लिए
अगर टेस्टोस्टेरोन कम आता है, तो दोबारा जाँच और अन्य हार्मोन टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।[4]

क्या ED की जाँच घर पर भी की जा सकती है?
यह सवाल बहुत से पुरुष पूछते हैं: “क्या ED की जाँच घर बैठे हो सकती है?” इसका जवाब है: हाँ, ED की शुरुआती जाँच घर से ही शुरू की जा सकती है।
घर पर क्या-क्या किया जा सकता है?
- अपने लक्षण खुद समझना: जैसे बार-बार इरेक्शन में दिक्कत होना, इरेक्शन का ढीला पड़ जाना, या सुबह इरेक्शन न होना।
- ऑनलाइन डॉक्टर से बात करना: वीडियो कॉल पर डॉक्टर आपसे आपकी सेहत, सेक्स लाइफ और तनाव से जुड़े सवाल पूछते हैं।
- IIEF-5 जैसी सवालों की लिस्ट भरना: इससे यह समझने में मदद मिलती है कि समस्या हल्की है या ज़्यादा गंभीर।
- घर से ब्लड टेस्ट कराना: ज़रूरत होने पर ब्लड शुगर, टेस्टोस्टेरोन और कोलेस्ट्रॉल जैसे टेस्ट घर से ही हो जाते हैं।
अक्सर मामलों में, इतनी जानकारी से ही डॉक्टर इलाज की सही दिशा तय कर लेते हैं।
घर पर क्या नहीं हो सकता?
- शरीर की पूरी जांच (Physical Examination)
- कुछ खास टेस्ट, जैसे पेनाइल डॉप्लर अल्ट्रासाउंड
लेकिन अच्छी बात यह है कि ज़्यादातर लोगों को इन टेस्ट की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।
ईडी के लिए विशेष (advanced) टेस्ट कब ज़रूरी होते हैं?
ज़्यादातर मामलों में ED की जाँच के लिए special या advanced tests की ज़रूरत नहीं होती। ये जाँच सिर्फ कुछ खास स्थितियों में ही कराई जाती हैं, जब डॉक्टर को वजह साफ़ नज़र नहीं आती।
कौन-कौन सी विशेष जाँच हो सकती हैं?
- नॉक्टर्नल इरेक्शन टेस्ट: इससे यह देखा जाता है कि नींद के दौरान अपने आप इरेक्शन होता है या नहीं। अगर नींद में इरेक्शन होता है, तो समस्या ज़्यादातर मानसिक हो सकती है।[5]
- इंजेक्शन टेस्ट: इसमें डॉक्टर एक दवा देते हैं और देखते हैं कि इरेक्शन कितना अच्छा होता है और कितनी देर तक रहता है।
- पेनाइल डॉप्लर अल्ट्रासाउंड: इससे लिंग में खून के बहाव (blood flow) की जाँच की जाती है।[6]
- बहुत जटिल टेस्ट: जैसे आर्टेरियोग्राफी, ये टेस्ट बहुत ही कम मामलों में किए जाते हैं।
ज़्यादातर पुरुष घबराते हैं कि ED की जाँच बहुत जटिल होगी, जबकि सच यह है कि अधिकतर मामलों में कुछ साधारण ब्लड टेस्ट और बातचीत से ही कारण समझ आ जाता है।
जाँच के दौरान सामने आने वाले इरेक्टाइल डिसफंक्शन के आम कारण
शारीरिक कारण [7]
- डायबिटीज़
- दिल की बीमारी और हाई BP
- हाई कोलेस्ट्रॉल
- मोटापा
- कम टेस्टोस्टेरोन
- नर्व डैमेज
कई बार ED दिल की बीमारी का पहला संकेत भी हो सकता है।
मानसिक कारण
- तनाव, चिंता
- डिप्रेशन
- परफॉर्मेंस एंग्ज़ायटी
- रिश्तों में तनाव
जीवनशैली और दवाइयाँ
- स्मोकिंग
- ज़्यादा शराब पीना
- एक्सरसाइज़ की कमी
- खराब डाइट
- कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट्स

ED के लिए डॉक्टर के पास जाने से पहले कैसे तैयारी करें?
अगर आप पहली बार इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) के लिए डॉक्टर से बात करने जा रहे हैं, तो घबराहट महसूस होना बिल्कुल सामान्य है। थोड़ी-सी तैयारी आपको ज़्यादा आरामदायक और आत्मविश्वासी महसूस करा सकती है।
- अपनी सभी दवाइयों की जानकारी रखें: जो भी दवाइयाँ आप ले रहे हैं, वो चाहे चाहे डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर की हों या कोई सप्लीमेंट, उनकी एक लिस्ट बना लें।
- टेस्ट से पहले की तैयारी समझ लें: अगर डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन टेस्ट की सलाह देते हैं, तो आमतौर पर यह सुबह और खाली पेट किया जाता है। सही निर्देश डॉक्टर से पहले ही पूछ लें।
- अपने सवाल पहले से लिख लें: कई बार घबराहट में ज़रूरी सवाल पूछना भूल जाते हैं। पहले से नोट बना लेने से खुलकर बात करना आसान हो जाता है।
और सबसे ज़रूरी बात: डॉक्टर आपको जज करने नहीं, आपकी मदद करने के लिए होते हैं।
निष्कर्ष
इरेक्टाइल डिसफंक्शन आम है, इलाज संभव है और सही समय पर जाँच से इसे बेहतर तरीके से संभाला जा सकता है। ज़्यादातर मामलों में डॉक्टर बातचीत, शारीरिक जांच और कुछ साधारण ब्लड टेस्ट से ही कारण पहचान लेते हैं। अगर आपको लगातार इरेक्शन की समस्या हो रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। डॉक्टर से बात करना ही बेहतर यौन और संपूर्ण स्वास्थ्य की ओर पहला कदम है।
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