Venogenic Erectile Dysfunction: इरेक्शन आता है लेकिन टिकता क्यों नहीं? कारण, जांच और इलाज
Venogenic Erectile Dysfunction एक शारीरिक समस्या है जिसमें लिंग में खून तो आता है, लेकिन नसों की कमजोरी के कारण टिक नहीं पाता। इसकी वजह से इरेक्शन जल्दी ढीला हो जाता है या बना नहीं रहता। यह समस्या उम्र, डायबिटीज, स्मोकिंग और दिल से जुड़ी बीमारियों से जुड़ी हो सकती है। सही जाँच के बाद इसका इलाज दवाइयों, लाइफस्टाइल बदलाव, Venous Embolization या पेनाइल इम्प्लांट से किया जा सकता है। समय पर इलाज लेने से यौन जीवन और आत्मविश्वास दोनों में सुधार संभव है।
Venogenic Erectile Dysfunction, जिसे Venous Leak ED भी कहा जाता है, एक ऐसी यौन समस्या है जिसमें पुरुष को इरेक्शन तो आता है, लेकिन वह ज़्यादा देर तक टिक नहीं पाता। इस समस्या में लिंग में खून सही तरह से आता है, लेकिन नसों से जल्दी वापस बह जाता है, जिससे इरेक्शन कमजोर हो जाता है। यह समस्या सिर्फ उम्रदराज़ पुरुषों में ही नहीं, बल्कि युवा पुरुषों में भी हो सकती है।

Venogenic Erectile Dysfunction में इरेक्शन क्यों नहीं टिकता?
सामान्य स्थिति में जब इरेक्शन होता है, तो:
- लिंग में खून भरता है
- नसें दब जाती हैं
- खून अंदर ही रुक जाता है
लेकिन Venogenic ED में यह सिस्टम ठीक से काम नहीं करता। जिसकी वजह से खून लिंग में रुक नहीं पाता और इरेक्शन जल्दी खत्म हो जाता है।
Venogenic Erectile Dysfunction के मुख्य कारण
Venogenic ED होने के पीछे ये कारण हो सकते हैं:
- लिंग की बाहरी झिल्ली का कमजोर होना: लिंग की एक परत होती है जो नसों को दबाकर खून रोकती है। जब यह कमजोर हो जाती है, तो खून बाहर निकलने लगता है।[1]
- नसों का ज़्यादा खुला रहना: कुछ नसें जरूरत से ज़्यादा खुली रहती हैं, जिससे खून जल्दी बह जाता है।
- लिंग के अंदर दबाव कम बनना: इरेक्शन के दौरान जो दबाव बनना चाहिए, वह नहीं बन पाता।

Venogenic Erectile Dysfunction के लक्षण क्या हैं?
इस समस्या में पुरुष आमतौर पर ये बातें महसूस करते हैं:
- इरेक्शन तो आता है, लेकिन कुछ ही समय में ढीला हो जाता है
- हाथ से टच हटाते ही इरेक्शन खत्म हो जाता है
- सुबह उठने पर इरेक्शन आना बंद हो जाता है
- कुछ पोजीशन में इरेक्शन और ज़्यादा कमजोर लगने लगता है
- इरेक्शन के समय लिंग पहले से छोटा या पतला महसूस होता है
- दवाइयाँ जैसे Viagra या Sildenafil लेने के बाद भी पूरा फायदा नहीं मिलता
यह दिक्कत हर बार रहती है, चाहे पार्टनर के साथ हों या अकेले, और समय के साथ अपने-आप ठीक नहीं होती।
Venogenic Erectile Dysfunction के रिस्क फैक्टर
कुछ आदतें और बीमारियाँ इस समस्या का खतरा बढ़ा सकती हैं:
- बढ़ती उम्र: उम्र के साथ नसों और टिश्यू की ताकत कम होने लगती है[2]
- डायबिटीज: ज़्यादा शुगर नसों और नर्व्स को नुकसान पहुँचाती है
- स्मोकिंग और तंबाकू: इससे खून की नलियां खराब हो जाती हैं
- हाई ब्लड प्रेशर: नसों पर ज़्यादा दबाव पड़ता है
- दिल की बीमारी: खून के बहाव पर असर पड़ता है
- प्रोस्टेट या पेल्विक सर्जरी: सर्जरी के बाद नसों को नुकसान हो सकता है
- मोटापा: इससे हार्मोन और ब्लड फ्लो दोनों प्रभावित होते हैं
- लंबे समय तक तनाव: तनाव समस्या को और बिगाड़ सकता है
इन रिस्क फैक्टर्स को कंट्रोल करने से बीमारी बढ़ने से रोकी जा सकती है।
अगर दवाइयाँ पूरी तरह काम नहीं कर रहीं, तो इसका मतलब यह नहीं कि इलाज संभव नहीं है। इसका मतलब बस इतना है कि हमें नसों को टारगेट करने वाला सही इलाज चुनना होगा।
Venogenic Erectile Dysfunction की जाँच कैसे होती है?
- मेडिकल हिस्ट्री और शारीरिक जाँच: डॉक्टर आपके लक्षण और हेल्थ हिस्ट्री समझते हैं।
- पेनाइल डॉप्लर टेस्ट: यह अल्ट्रासाउंड टेस्ट बताता है:[3]
- खून कितनी मात्रा में आ रहा है
- क्या खून जल्दी बाहर जा रहा है
- एडवांस टेस्ट (Venous Leak Test): कुछ मामलों में यह पता लगाया जाता है कि खून कहाँ से लीक हो रहा है।[4]

Venogenic Erectile Dysfunction का इलाज क्या है?
इस बीमारी का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या हल्की है या गंभीर।
लाइफस्टाइल बदलाव
हल्के मामलों में ये बदलाव मदद कर सकते हैं:
- स्मोकिंग छोड़ना
- डायबिटीज और BP कंट्रोल में रखना
- रोज़ाना वॉक या एक्सरसाइज़
- वजन कम करना
- नींद पूरी लेना
दवाइयाँ
PDE-5 Inhibitors जैसे Sildenafil (Viagra), Tadalafil (Cialis)
लेकिन ध्यान दें: मध्यम या गंभीर Venogenic ED में ये दवाइयाँ अक्सर पूरी तरह काम नहीं करतीं, क्योंकि ये खून को रोक नहीं पातीं।[5]
इंजेक्शन और डिवाइस
- इंजेक्शन थेरेपी: लिंग में दवा दी जाती है जिससे खून का बहाव बढ़े।
- वैक्यूम डिवाइस: मशीन से खून खींचकर लिंग में रोका जाता है।
ये तरीके कुछ लोगों में तो मदद करते हैं, लेकिन स्थायी समाधान नहीं होते।
Venous Embolization
Venous Embolization एक आधुनिक और सुरक्षित इलाज है, जिसमें:
- लिंग की खराब नसों को अंदर से बंद किया जाता है
- खून का बाहर बहना रुक जाता है
- यह इलाज लोकल एनेस्थीसिया में किया जाता है
- मरीज जल्दी ठीक होकर सामान्य काम करने लगता है
- कई पुरुषों में इससे इरेक्शन में अच्छा सुधार देखा गया है [6]
गंभीर Venogenic Erectile Dysfunction में पेनाइल इम्प्लांट
जब कोई इलाज काम न करे, तब लिंग में एक मेडिकल डिवाइस लगाई जाती है जिससे जब चाहें तब इरेक्शन संभव होता है। यह सबसे भरोसेमंद और स्थायी इलाज माना जाता है।
Venogenic Erectile Dysfunction का भविष्य और रिकवरी
Venogenic Erectile Dysfunction में सुधार पूरी तरह इस बात पर निर्भर करता है कि समस्या को कितनी जल्दी पहचाना और सही तरीके से इलाज किया गया।
रिकवरी इन बातों से प्रभावित होती है:
- बीमारी हल्की, मध्यम या गंभीर है
- डायबिटीज और ब्लड प्रेशर कितना कंट्रोल में है
- मरीज ने स्मोकिंग और तंबाकू छोड़ा है या नहीं
- सही समय पर सही इलाज (दवाइयाँ, एम्बोलाइज़ेशन या इम्प्लांट) चुना गया है
समय पर इलाज और लाइफस्टाइल सुधार से कई पुरुषों में इरेक्शन, यौन संतुष्टि और आत्मविश्वास तीनों में साफ़ सुधार देखा जाता है।
निष्कर्ष
Venogenic Erectile Dysfunction कोई मानसिक समस्या नहीं, बल्कि नसों से जुड़ी एक शारीरिक बीमारी है, जिसमें लिंग खून को ठीक से रोक नहीं पाता। अच्छी बात यह है कि आज इसके लिए सही जाँच, आधुनिक इलाज और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं। समय पर डॉक्टर से सलाह लेने, सही इलाज चुनने और लाइफस्टाइल में सुधार करने से इरेक्शन, यौन जीवन और आत्मविश्वास—तीनों में बेहतर सुधार संभव है। इसलिए शर्म या झिझक छोड़कर इस समस्या को गंभीरता से लेना और विशेषज्ञ की मदद लेना बेहद ज़रूरी है।
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