पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की दवा: उपयोग, खुराक, फायदे और दुष्प्रभाव
पुरुषों में कम कामेच्छा का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है, कभी वजह टेस्टोस्टेरोन कम होना होती है, कभी तनाव, दवाओं के साइड इफेक्ट या इरेक्शन समस्याएँ। डॉक्टर आमतौर पर TRT, Clomiphene या ED दवाएँ (जैसे sildenafil, tadalafil) सलाह देते हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से यौन इच्छा को बेहतर कर सकती हैं। हल्के मामलों में अश्वगंधा, माका और लाइफ़स्टाइल सुधार भी असर दिखा सकते हैं। अंदाज़ा लगाकर दवा लेने से बेहतर है कारण पहचानकर सही उपचार चुनना, ताकि सेक्स ड्राइव सुरक्षित और प्राकृतिक रूप से बढ़ सके।
पुरुषों में कामेच्छा (sex drive) कम होना आजकल बहुत आम समस्या है। कई लोग जानना चाहते हैं कि कामेच्छा बढ़ाने की दवा कौन-सी है, क्या सेक्स ड्राइव बढ़ाने वाली गोलियाँ सच में असर करती हैं, और कौन-सी दवा डॉक्टर लिखते हैं। बाज़ार में अश्वगंधा, माका रूट जैसे कई ओटीसी सप्लिमेंट मिलते हैं, जबकि डॉक्टर ज़रूरत पड़ने पर टेस्टोस्टेरोन थेरेपी या कुछ ED दवाएँ (जैसे sildenafil, tadalafil) भी सलाह दे सकते हैं, जो यौन प्रदर्शन सुधारकर अप्रत्यक्ष रूप से सेक्स ड्राइव बेहतर कर सकती हैं। लेकिन हर दवा हर पुरुष पर एक जैसी नहीं चलती। कामेच्छा कम होने का असली कारण समझना सबसे ज़रूरी है, क्योंकि कभी वजह तनाव होती है, कभी हार्मोन, तो कभी सेहत से जुड़े छिपे हुए मुद्दे।
इस लेख में हम पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने की दवाओं के प्रकार, उनका काम करने का तरीका, फ़ायदे, जोखिम, और सही विकल्प, जानेंगे, जिससे आप अपने लिए सबसे सुरक्षित और असरदार विकल्प चुन सकें।
पुरुषों में कामेच्छा कम क्यों होती है?
कामेच्छा यानी सेक्स करने की इच्छा सिर्फ “मूड ठीक होने” पर नहीं चलती। यह आपके शरीर, दिमाग, रिश्ते और लाइफ़स्टाइल, सबके मिलकर काम करने से बनती है। इसलिए जब इनमें कहीं भी गड़बड़ी होती है, तो सेक्स ड्राइव अपने आप कम होने लगती है। नीचे कामेच्छा कम होने के सबसे आम कारण हैं:
- टेस्टोस्टेरोन कम होना (Low T): टेस्टोस्टेरोन पुरुषों का सबसे महत्वपूर्ण सेक्स हार्मोन है। जब यह हार्मोन कम होता है, तो स्वाभाविक रूप से सेक्स की इच्छा भी कम होने लगती है। उम्र बढ़ने, तनाव, मोटापा या कुछ मेडिकल कंडिशन की वजह से Low Testosterone हो सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, टेस्टोस्टेरोन थेरेपी उन्हीं मामलों में असरदार होती है जहाँ टेस्टिकुलर, पिट्यूटरी या हाइपोथैलेमस की समस्या हो।[1]
- तनाव, चिंता या अवसाद: दिमाग पर असर डालने वाली हर चीज़ सेक्स ड्राइव पर भी असर डालती है, जैसे – ज्यादा तनाव, भविष्य की चिंता, काम का प्रेशर, रिलेशनशिप का तनाव और अवसाद (depression)। ये सब शरीर के “हॉर्मोनल बैलेंस” को बिगाड़ देते हैं, जिससे मूड, इच्छा और उत्तेजना, तीनों पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- रिश्ते में दूरी या कम कम्युनिकेशन: अगर आप और आपका पार्टनर भावनात्मक रूप से कनेक्ट नहीं हैं, या अक्सर लड़ाई-झगड़ा होता है, तो शरीर का रेस्पॉन्स भी बदल जाता है।
भावनात्मक दूरी → कम अंतरंगता → कम सेक्स ड्राइव। - कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट: कई मेडिकेशन कामेच्छा को कम कर सकते हैं, जैसे: एंटी-डिप्रेसेंट, हाई BP की दवाएँ, कुछ एंटी-एंग्जायटी मेडिसिन, हार्मोन को प्रभावित करने वाली दवाएँ। इन दवाओं की वजह से दिमाग के केमिकल बदल जाते हैं, जिससे इच्छा और उत्तेजना पर असर होता है।
- नींद की कमी, थकान और खराब लाइफ़स्टाइल: अगर शरीर हमेशा थका हुआ है या नींद पूरी नहीं हो रही, तो सेक्स ड्राइव खुद-ब-खुद नीचे चला जाता है, जैसे:
• जंक फूड
• कम नींद
• शराब / स्मोकिंग
• एक्सरसाइज़ की कमी
ये सब टेस्टोस्टेरोन को कम करते हैं, जिससे इच्छा भी कम हो जाती है। - Erectile Dysfunction (ED) या Premature Ejaculation (PE): कई पुरुषों में असली समस्या इच्छा की नहीं होती, बल्कि परफॉर्मेंस की चिंता होती है। ED की वजह से इरेक्शन नहीं हो पाना या कमजोर होना, और PE की वजह से जल्दी स्खलन हो जाना, इन दोनों का असर आत्मविश्वास पर पड़ता है और धीरे-धीरे सेक्स करने की इच्छा भी कम होने लगती है।
कामेच्छा बढ़ाने की दवाएँ (डॉक्टर के पर्चे से मिलने वाली दवा)
1. PDE5 Inhibitors (ED की दवाएँ)
Sildenafil (Viagra), Tadalafil (Cialis), Vardenafil, Avanafil जैसी गोलियाँ सीधे libido नहीं बढ़ातीं।[2] लेकिन ये लिंग में ब्लड फ्लो सुधारकर इरेक्शन को मजबूत बनाती हैं। जब इरेक्शन बेहतर होता है, तो व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है और अक्सर इसी के साथ कामेच्छा भी नैचुरली बेहतर महसूस होने लगती है। हल्के–मध्यम (Mild to Moderate) ED वाले पुरुषों में इनका असर अच्छा देखा जाता है।
2. Testosterone Replacement Therapy (TRT)
जब किसी पुरुष में टेस्टोस्टेरोन बहुत कम हो जाता है, तो इच्छा, ऊर्जा और स्टैमिना भी कम हो सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर ये विकल्प देते हैं:
- टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शंस (Testosterone injections)
- जेल (Gel)
- स्किन पैचेज (Skin patches)
TRT का असर सीधे लिबिडो पर पड़ता है, लेकिन इसे सिर्फ हार्मोन टेस्ट के बाद ही शुरू किया जाता है, क्योंकि गलत तरीके से लेने पर साइड इफेक्ट हो सकते हैं।[3]
3. Clomiphene
यह दवा शरीर को अपना टेस्टोस्टेरोन स्वाभाविक रूप से बढ़ाने में मदद करती है। TRT की तुलना में इसके साइड इफेक्ट कम माने जाते हैं। यह गोली के रूप में उपलब्ध है और उन पुरुषों में काम आती है जिनका टेस्टोस्टेरोन बॉर्डरलाइन कम होता है।
ओवर-द-काउंटर (बिना प्रिस्क्रिप्शन) सप्लीमेंट
इनसे कुछ लोगों को हल्का फायदा मिलता है, लेकिन असर हर व्यक्ति में अलग हो सकता है।
- अश्वगंधा: अश्वगंधा तनाव कम करती है, जिससे मूड बेहतर होता है और इच्छा में सुधार महसूस हो सकता है। कुछ अध्ययनों में हल्की टेस्टोस्टेरोन बढ़ोतरी भी देखी गई है। कुल मिलाकर यह यौन क्षमता को सपोर्ट कर सकती है।[4]
- माका रूट (Maca Root): माका को पारंपरिक रूप से इच्छा बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी माना जाता है। यह ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाने में मदद कर सकती है, जिससे यौन प्रदर्शन में सुधार महसूस होता है। यह पाउडर और कैप्सूल दोनों रूप में मिलती है।[5]
- सफेद मुसली / गोक्षुरा: सफेद मुसली और गोक्षुरा का उपयोग आयुर्वेद में स्टैमिना और रक्त प्रवाह सुधारने के लिए किया जाता है। ये कई हर्बल सप्लीमेंट में पाए जाते हैं और कुछ पुरुषों में यौन क्षमता को हल्का समर्थन दे सकते हैं।
PDE5 दवाएँ जैसे sildenafil सीधे लिबिडो नहीं बढ़ातीं, लेकिन इरेक्शन में सुधार होने से आत्मविश्वास लौटता है और कई पुरुषों में इच्छाशक्ति भी नैचुरली बेहतर महसूस होने लगती है।
कौन-सी कामेच्छा बढ़ाने की दवा आपके लिए सही है?
सही दवा पूरी तरह इस बात पर निर्भर करती है कि समस्या की जड़ क्या है। हर समस्या का इलाज अलग होता है, इसलिए अंदाज़ा लगाकर दवा लेना ठीक नहीं है।
- कम टेस्टोस्टेरोन (Low T): अगर थकान, कम इच्छा, मूड गिरना या सुबह का इरेक्शन कम होना जैसी परेशानी है और ब्लड टेस्ट में टेस्टोस्टेरोन कम निकलता है, तो डॉक्टर TRT या Clomiphene जैसी दवाएँ दे सकते हैं। ये सीधे हार्मोन लेवल में सुधार करती हैं।
- इरेक्शन की समस्या (ED): अगर इरेक्शन बन नहीं पाता या जल्दी ढीला हो जाता है, तो Viagra, Cialis या अन्य PDE5 दवाएँ असर कर सकती हैं। ये खून के बहाव को बेहतर बनाकर इरेक्शन को मजबूत करती हैं।
- शीघ्रपतन (PE): अगर स्खलन बहुत जल्दी हो जाता है या कंट्रोल मुश्किल होता है, तो Sertraline, Paroxetine या Delay Spray जैसे विकल्प मदद कर सकते हैं। ये सेंसिटिविटी और कंट्रोल को बढ़ाते हैं।
- तनाव, कमजोरी या थकान: अगर समस्या ज़्यादातर मानसिक तनाव, थकावट या लाइफस्टाइल से जुड़ी है, तो अश्वगंधा, माका या दिनचर्या में सुधार काफी फर्क ला सकते हैं।
कामेच्छा बढ़ाने के लिए प्राकृतिक उपाय
कामेच्छा बढ़ाने में सिर्फ दवा ही नहीं, बल्कि शरीर, दिमाग और रोज़मर्रा की आदतों का भी बड़ा योगदान होता है। नीचे दिए गए सरल लेकिन असरदार उपाय दवाओं के असर को भी बेहतर बनाते हैं और लंबे समय तक सेक्स ड्राइव को संतुलित रखते हैं।
- नींद को प्राथमिकता दें: हर रात 7–9 घंटे की गहरी नींद लेने से टेस्टोस्टेरोन नैचुरली बढ़ता है। अच्छी नींद मूड, ऊर्जा और यौन इच्छा, तीनों में सुधार लाती है। लगातार कम नींद कामेच्छा को कमजोर कर सकती है।
- नियमित व्यायाम: थोड़ा-सा दैनिक व्यायाम भी पुरुषों की यौन क्षमता पर सीधा असर डालता है। सिर्फ 20–30 मिनट की हल्की गतिविधि भी कई पुरुषों में अच्छा बदलाव लाती है।
- वजन वाले व्यायाम (स्ट्रेंथ ट्रेनिंग): टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में मदद
- तेज चलना, दौड़ना या साइकिलिंग: बेहतर खून का बहाव
- योग और ध्यान: तनाव कम होकर इच्छा वापस आती है
- वजन नियंत्रण: पेट की अतिरिक्त चर्बी सीधे टेस्टोस्टेरोन को कम करती है। थोड़ा-सा वजन कम भी कामेच्छा में सुधार ला सकता है।
- शराब और सिगरेट कम करें: शराब और सिगरेट दोनों ही सेक्स ड्राइव को कम करने के लिए जाने जाते हैं। यह रक्त प्रवाह, हार्मोन और उत्तेजना पर नकारात्मक असर डालते हैं। धीरे-धीरे इनकी मात्रा कम करने से कामेच्छा में स्वाभाविक सुधार महसूस हो सकता है।
- रिश्ते में निकटता (इमोशनल बॉन्डिंग): कई बार इच्छा कम होने की वजह शरीर नहीं, बल्कि रिश्ते में दूरी होती है। खुलकर बातचीत, साथ में समय बिताने, और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाने से मानसिक तनाव कम होता है और यौन इच्छा भी फिर से जागने लगती है।
- सही पोषण: शरीर को सही पोषण मिलने से हार्मोन संतुलित रहते हैं और ऊर्जा भी बढ़ती है। खासतौर से प्रोटीन, गुड फैट्स, जिंक, और विटामिन D कामेच्छा में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
कामेच्छा कम होना कई कारणों से हो सकता है, कभी हार्मोन, कभी तनाव, कभी रिश्ते या लाइफ़स्टाइल। इसलिए हर पुरुष के लिए इलाज भी अलग होता है। दवाएँ तब असर करती हैं जब सही कारण पहचाना जाए, और प्राकृतिक आदतें जैसे अच्छी नींद, व्यायाम, हेल्दी खान-पान और कम तनाव, इनके असर को और स्थिर बनाती हैं। सबसे जरूरी है, अपने शरीर के संकेतों को समझना और अंदाज़े से दवा लेने के बजाय ज़रूरत हो तो डॉक्टर से सलाह लेना। इससे आप सुरक्षित भी रहेंगे और बेहतर परिणाम भी मिलेंगे।
"निम्नलिखित लेख विभिन्न विषयों पर सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रस्तुत की गई जानकारी किसी विशिष्ट क्षेत्र में पेशेवर सलाह के रूप में नहीं है। यह लेख केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है।"
Book consultation
"इस लेख को किसी भी उत्पाद, सेवा या जानकारी के समर्थन, सिफारिश या गारंटी के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। पाठक इस ब्लॉग में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों और कार्यों के लिए पूरी तरह स्वयं जिम्मेदार हैं। लेख में दी गई किसी भी जानकारी या सुझाव को लागू या कार्यान्वित करते समय व्यक्तिगत निर्णय, आलोचनात्मक सोच और व्यक्तिगत जिम्मेदारी का प्रयोग करना आवश्यक है।"