शिलाजीत लेने से पहले जान लें ये जरूरी नुकसान
शिलाजीत फायदेमंद है, लेकिन गलत क्वालिटी या ज़्यादा मात्रा लेने पर इसके साइड इफेक्ट्स बढ़ सकते हैं। पेट दर्द, एलर्जी, BP कम होना, सिरदर्द और heavy metals की मिलावट इसके सबसे आम जोखिम हैं। मिलावटी या unprocessed शिलाजीत लिवर, किडनी और हार्ट पर गंभीर असर डाल सकता है। कुछ मेडिकल कंडीशन्स में शिलाजीत लेना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। हमेशा लैब-टेस्टेड, शुद्ध ब्रांड चुनें और सप्लीमेंट शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
शिलाजीत को अक्सर ताकत बढ़ाने वाली, एनर्जी देने वाली और पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए “चमत्कारी” जड़ी-बूटी की तरह बताया जाता है। इसके फ़ायदे सच हैं, लेकिन हर फ़ायदे के साथ कुछ संभावित नुकसान भी आते हैं, जिनके बारे में लोग कम बात करते हैं। अगर आप शिलाजीत लेने की सोच रहे हैं, तो इसके साइड इफेक्ट्स, जोखिम और सही सावधानियाँ जान लेना बेहद ज़रूरी है। सही जानकारी आपकी सेहत की सुरक्षा करती है, और गलत जानकारी नुकसान पहुँचा सकती है।
शिलाजीत खाने के नुकसान
1. पाचन से जुड़ी दिक्कतें (Common but usually mild)
कई लोगों को शुरुआत में हल्की पाचन समस्याएँ महसूस होती हैं, जैसे: पेट में हल्की ऐंठन, दस्त या लूज़ मोशन, गैस या जी मिचलाना। ये दिक्कतें सामान्यत: नई खुराक के प्रति शरीर का रिएक्शन होती हैं और अक्सर कुछ दिनों में ठीक हो जाती हैं।
सलाह: छोटी खुराक से शुरू करें और शरीर की प्रतिक्रिया देखें।

2. एलर्जी की संभावना (Rare but important)
कुछ लोगों को शिलाजीत से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। ये लक्षण हो सकते हैं:`
- खुजली या दाने
- चक्कर
- सूजन
- साँस फूलना
बहुत रेयर केस में गंभीर एलर्जी (anaphylaxis) भी देखी गई है, जिससे ब्लड प्रेशर अचानक गिर सकता है।
सलाह: अगर एलर्जी की हिस्ट्री है, तो विशेष सावधानी रखें और डॉक्टर से सलाह लेकर ही शिलाजीत खाना शुरू करें।
3. ब्लड प्रेशर कम होना
शिलाजीत कुछ लोगों में BP को कम कर सकता है, जिससे ये परेशानियां हो सकती हैं:
- चक्कर
- कमजोरी
- अचानक खड़े होने पर हल्कापन
तो जिन लोगों का BP पहले से ही लो रहता है या वे BP की दवा ले रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना ज़रूरी है।
4. सिरदर्द और गले में जलन
शिलाजीत में मौजूद Fulvic Acid कुछ व्यक्तियों में:
- सिरदर्द
- हल्की चक्कर
- गले में irritation पैदा कर सकता है। यह बहुत आम नहीं है, लेकिन कुछ केस में देखा गया है।
5. Heavy Metals और Impure Shilajit
बाज़ार में मिलने वाला हर शिलाजीत शुद्ध नहीं होता। कई ब्रांड सस्ता और कच्चा शिलाजीत बेचते हैं, जिसे ठीक से फिल्टर या प्रोसेस नहीं किया गया होता। ऐसे शिलाजीत में अक्सर खतरनाक heavy metals मिल जाते हैं, जैसे:
- आर्सेनिक
- लेड (सीसा)
- मरकरी (पारा)
- निकल
- थेलियम

ये धातुएँ तुरंत नुकसान नहीं दिखातीं, लेकिन धीरे-धीरे शरीर में जमा होती रहती हैं। इसका असर लंबे समय में गंभीर रूप ले सकता है, जैसे:
- किडनी डैमेज: पेशाब से जुड़ी समस्या, सूजन, कमजोरी
- लिवर पर दबाव: पाचन गड़बड़ाना, थकान, टॉक्सिन जमा होना
- दिल की परेशानी: ब्लड प्रेशर बढ़ना, हार्ट फंक्शन पर असर
- दिमागी असर: याददाश्त कमजोर होना, चिड़चिड़ापन, फोकस की कमी
सबसे खतरनाक बात यह है कि उपयोगकर्ता को पता भी नहीं चलता कि जो शिलाजीत वह ले रहा है, वो फायदेमंद है या ज़हर की तरह काम कर रहा है।
अगर किसी सप्लीमेंट के साथ सबसे ज्यादा सावधानी की जरूरत है, तो वो शिलाजीत है। फायदे जरूर हैं, लेकिन तभी जब आप इसे समझदारी और डॉक्टर की गाइडेंस के साथ लें।
Microbial Contamination का खतरा
अगर शिलाजीत सही तरीके से शुद्ध नहीं किया गया हो, तो उसमें बैक्टीरिया, फंगस और मोल्ड हो सकते हैं। ये शरीर में जाकर कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकते हैं, जैसे:
- पेट दर्द, दस्त, उल्टी
फूड पॉइजनिंग जैसे लक्षण - एलर्जी, खुजली और स्किन रैश
- इम्युनिटी कमजोर होना
- लंबे समय तक पाचन की समस्या
अक्सर कच्चा या बिना प्रोसेस किया गया शिलाजीत सीधे पैक कर दिया जाता है, जो फायदेमंद नहीं बल्कि नुकसानदेह बन जाता है।
इसलिए हमेशा ध्यान दें:
- शिलाजीत लैब-टेस्टेड हो
- माइक्रोबियल फ्री सर्टिफिकेट हो
- GMP / ISO प्रमाणित ब्रांड हो
सही शुद्धिकरण के बिना शिलाजीत लेना रिस्क भरा हो सकता है।
किन लोगों को शिलाजीत से बचना चाहिए?
- प्रेग्नेंट और ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाएँ: भारी धातुओं की मिलावट का असर बच्चे के विकास और माँ के हार्मोनल बैलेंस पर पड़ सकता है।
- Autoimmune Disorders वाले लोग: शिलाजीत इम्यून सिस्टम को जरूरत से ज़्यादा एक्टिव कर देता है, जिससे बीमारी और बिगड़ सकती है।
- Heart या BP के मरीज: यह ब्लड प्रेशर को और कम कर सकता है, जिससे चक्कर या कमजोरी की समस्या बढ़ सकती है।
- Diabetes के मरीज: शिलाजीत शुगर लेवल तेजी से घटा सकता है और दवाओं के साथ लेने पर हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।
- High Uric Acid या Gout वाले लोग: इसमें मौजूद यूरिक एसिड जोड़ों के दर्द और सूजन को और बढ़ा सकता है।
- Hormone-Sensitive Cancer वाले लोग: टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की क्षमता कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ को ट्रिगर कर सकती है।
- Iron Overload Conditions (जैसे थैलेसीमिया, Hemochromatosis): शिलाजीत आयरन लेवल बढ़ाता है, जिससे शरीर में पहले से ज्यादा आयरन जमा हो सकता है और अंगों पर असर पड़ सकता है।
इसलिए शिलाजीत शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा सुरक्षित रहता है, खासकर अगर कोई मेडिकल कंडीशन पहले से मौजूद हो।
दवाओं के साथ शिलाजीत की प्रतिक्रिया (Interaction)

शिलाजीत इन दवाओं के साथ इंटरैक्ट कर सकता है:
- BP की दवा
- शुगर की दवा
- हार्मोनल ट्रीटमेंट
- टेस्टोस्टेरोन बूस्टर्स
कभी-कभी इसका असर दवाओं को कम या ज़्यादा प्रभावी बना देता है, जो जोखिम भरा है।
शिलाजीत लेने से पहले क्या ज़रूर करें? (Practical Tips)
- सिर्फ भरोसेमंद, लैब-टेस्टेड ब्रांड का उपयोग करें
- रॉ (कच्चा) या unprocessed शिलाजीत बिल्कुल न लें
- शुरुआत हमेशा कम मात्रा से करें
- शरीर की प्रतिक्रिया को ध्यान से देखें
- कोई भी बीमारी या दवा चल रही हो तो पहले डॉक्टर से सलाह करें
- किसी भी तरह की गंभीर एलर्जी या सांस की समस्या पर तुरंत बंद करें
निष्कर्ष
शिलाजीत को अक्सर एक टॉनिक की तरह पेश किया जाता है, लेकिन सच यह है कि यह हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके फायदे तभी सार्थक हैं जब यह शुद्ध, सही मात्रा में और सही व्यक्ति द्वारा लिया जाए। गलत क्वालिटी, मिलावट या बिना जानकारी के सेवन धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुँचा सकता है, जिसका असर तुरंत नहीं दिखता लेकिन भविष्य में गंभीर हो सकता है।
इसलिए अगर आप शिलाजीत लेने का सोच रहे हैं, तो “जल्दी फायदा” नहीं बल्कि “लंबे समय की सेहत” को प्राथमिकता दें। अपने शरीर की जरूरत को समझें, भरोसेमंद ब्रांड चुनें और सबसे ज़रूरी बात, किसी भी सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
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