शिलाजीत का सेवन कैसे करें? सही मात्रा और टाइमिंग जानें
शिलाजीत एक प्राकृतिक मिनरल रेज़िन है जो पुरुषों में ताकत, स्टैमिना और सेक्सुअल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे सुबह खाली पेट या रात को दूध के साथ लिया जा सकता है। रोज़ाना 300–500 mg की मात्रा पर्याप्त मानी जाती है। हालांकि, गर्भावस्था, एलर्जी या गंभीर बीमारियों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। शुद्ध और असली शिलाजीत का चयन करना सबसे ज़रूरी है ताकि इसके असली फायदे मिल सकें और कोई नुकसान न हो।
शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज है जो हिमालय की पहाड़ियों से मिलता है। आयुर्वेद में इसे ताकत, स्टैमिना, यौन शक्ति और ऊर्जा बढ़ाने के लिए हज़ारों सालों से इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन इसका पूरा फायदा तभी मिलता है जब आप इसे सही समय और सही तरीके से लें। अक्सर लोगों के मन में इसको लेकर तमाम सवाल होते हैं, जैसे:
- इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं
- शिलाजीत कब खाना चाहिए?
- नकली और असली शिलाजीत की पहचान कैसे करें
- इसको दूध के साथ लेना अच्छा है या पानी से?
- खाने से पहले लें या बाद में?
आइए इनके जवाब जानते हैं।
शिलाजीत के फायदे
शिलाजीत कई तरह से शरीर और दिमाग को फायदा पहुँचाता है। आइए जानते हैं इसके फायदे क्या-क्या हो सकते हैं:
- यौन शक्ति और प्रजनन क्षमता बढ़ाना: शिलाजीत टेस्टोस्टेरोन लेवल को संतुलित करता है, जिससे लिबिडो, स्पर्म क्वालिटी और इरेक्शन की क्वालिटी में सुधार होता है [1]। इसके नियमित सेवन से सेक्स स्टैमिना बढ़ती है और थकान कम होती है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में सेक्सुअल हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है।
- ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाना: शिलाजीत शरीर में ऊर्जा पैदा करने वाले माइटोकॉन्ड्रिया को सपोर्ट करता है [2]। इससे दिनभर थकान कम होती है और फिजिकल परफॉर्मेंस बेहतर होती है [2]।
- तनाव और थकान कम करना: इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स होते हैं, जो मानसिक थकान और तनाव को कम करने में मदद करते हैं [3]।
- इम्युनिटी मजबूत करना: शिलाजीत शरीर की इम्युनिटी बढ़ाता है, जिससे सर्दी-जुकाम और इंफेक्शन से लड़ने की ताकत मिलती है [4]।
- हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाना: इसमें मौजूद मिनरल्स हड्डियों को मजबूत रखते हैं और मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करते हैं [5]।
- दिल और दिमाग की सेहत: शिलाजीत ब्लड सर्कुलेशन सुधारता है और दिमाग को फोकस और मेमोरी बढ़ाने में मदद करता है [6]।

शिलाजीत से सेक्स पावर कैसे बढ़ती है?
शिलाजीत को खासतौर पर यौन शक्ति बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। शिलाजीत का असर धीरे-धीरे दिखता है। नियमित सेवन और सही लाइफस्टाइल से इसका पूरा लाभ मिलता है। इसका असर कई तरीकों से होता है:
- टेस्टोस्टेरोन का संतुलन: पुरुषों में सेक्स ड्राइव और स्पर्म क्वालिटी बढ़ती है [1]।
- थकान कम करना: ज्यादा ऊर्जा और स्टैमिना से लंबे समय तक सेक्स संभव होता है [3]।
- ब्लड सर्कुलेशन सुधारना: इससे लिंग में रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे इरेक्शन की क्वालिटी बढ़ती है।
- मानसिक स्वास्थ्य: जब आप कम तनाव लेते हैं, तब आप मानसिक रूप से भी तैयार रहना आसान होता है [7]।
शिलाजीत के नुकसान
शिलाजीत भले ही एक प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल या ज्यादा मात्रा में सेवन शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। खासतौर पर जब यह बिना शुद्धिकरण (unprocessed) या नकली रूप में लिया जाए, जैसे:
- पेट से जुड़ी समस्या: ज्यादा मात्रा में शिलाजीत लेने पर पेट दर्द, दस्त या उल्टी जैसी समस्या हो सकती है। जिन लोगों को पेट की प्रॉब्लम है, उन्हें इसे खाली पेट लेने से बचना चाहिए।
- चक्कर या सिर भारी लगना: शुरुआत में कुछ लोगों को हल्का सा चक्कर या सिर भारी लग सकता है, खासकर अगर शरीर इसकी आदत में न हो। ऐसे में मात्रा कम करें या डॉक्टर की सलाह लें।
- एलर्जी या खुजली: कुछ लोगों में शिलाजीत के खनिज या रेज़िन से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है, जैसे खुजली, सूजन या लाल दाने। अगर ऐसा कुछ दिखे तो तुरंत इसको लेना बंद करें।
- नकली शिलाजीत का खतरा: बाजार में मिलने वाला शिलाजीत कई बार असली नहीं होता। उसमें भारी मेटल्स या केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जो लीवर, किडनी और हार्मोनल सिस्टम को नुकसान पहुँचा सकते हैं [8]। इसलिए हमेशा भरोसेमंद ब्रांड या प्रमाणित स्रोत से ही शिलाजीत खरीदें।
- कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में सावधानी: जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, थायरॉयड या किडनी की बीमारी है, उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के शिलाजीत नहीं लेना चाहिए।

शिलाजीत कब और कैसे खाएं?
- सुबह खाली पेट: गर्म पानी या हल्के दूध के साथ लेने से आप दिनभर एनर्जी से भरपूर रह सकते हैं।
- शाम/रात: अगर यौन शक्ति और टेस्टोस्टेरोन बढ़ाना है, तो शाम या रात को शिलाजीत गर्म दूध या शहद के साथ लेना फायदेमंद है।
- खाने के बाद या खाली पेट: शुरुआती लोगों के लिए हल्के खाने के बाद लेना अच्छा रहता है। अनुभव होने पर खाली पेट भी लिया जा सकता है।
- सुरक्षा: शराब, भारी तले हुए भोजन और अधिक मात्रा से बचें। यदि बीपी, शुगर या किडनी की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह लें।

असली शिलाजीत की पहचान कैसे करें?
आजकल बाजार में नकली शिलाजीत बहुत मिलते हैं, इसलिए असली पहचानना जरूरी है।
- रंग: गहरा काला या भूरा।
- बनावट: गर्मी में नरम और ठंड में सख्त।
- पानी में घुलना: असली शिलाजीत पानी में आसानी से घुल जाता है।
- गंध: मिट्टी जैसी हल्की गंध आती है।
- टेस्ट: हल्का कड़वा-खट्टा स्वाद।
- हमेशा प्रमाणित ब्रांड से ही खरीदें।
शिलाजीत में मौजूद फुल्विक एसिड शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और कोशिकाओं तक पोषक तत्व पहुँचाने में मदद करता है। इसलिए इसे ‘नेचर का एनर्जी बूस्टर’ भी कहा जाता है।
शिलाजीत कब न लें?
हालांकि शिलाजीत प्राकृतिक है, लेकिन हर किसी के लिए हर स्थिति में यह सही नहीं होता। इसलिए कुछ स्थितियों में इसे लेने से बचना चाहिए:
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान: इस समय शरीर सेंसिटिव (संवेदनशील) होता है, इसलिए शिलाजीत के हॉर्मोनल असर से बचना चाहिए।
- गंभीर बीमारियों या दवाइयों के साथ: अगर आप ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, थायरॉयड या किडनी से जुड़ी दवाइयाँ ले रहे हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं: बच्चों के शरीर में हॉर्मोनल सिस्टम अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए शिलाजीत की जरूरत नहीं होती।
- एलर्जी या अस्थमा अटैक के समय: अगर शरीर पहले से किसी एलर्जिक या अस्थमा कंडीशन में है, तो उस समय शिलाजीत न लें क्योंकि यह शरीर में गर्मी पैदा करता है।
निष्कर्ष
शिलाजीत एक शक्तिशाली प्राकृतिक खनिज है जो शरीर, मन और यौन स्वास्थ्य तीनों को संतुलित कर सकता है। सही समय, सही मात्रा और सही तरीके से लेने पर यह आपकी स्टैमिना, सेक्स पावर, ऊर्जा और इम्युनिटी को धीरे-धीरे अंदर से मज़बूत बनाता है। हालाँकि, याद रखें कि शिलाजीत कोई जादुई उपाय नहीं है जो रातों-रात असर दिखा दे। इसका प्रभाव नियमित सेवन, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और स्वस्थ जीवनशैली के साथ ही नज़र आता है। हमेशा भरोसेमंद स्रोत से शुद्ध शिलाजीत खरीदें, और किसी भी तरह की बीमारी या दवा चल रही हो तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें
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