Disclaimer

"निम्नलिखित लेख विभिन्न विषयों पर सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रस्तुत की गई जानकारी किसी विशिष्ट क्षेत्र में पेशेवर सलाह के रूप में नहीं है। यह लेख केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है।"

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"इस लेख को किसी भी उत्पाद, सेवा या जानकारी के समर्थन, सिफारिश या गारंटी के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। पाठक इस ब्लॉग में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों और कार्यों के लिए पूरी तरह स्वयं जिम्मेदार हैं। लेख में दी गई किसी भी जानकारी या सुझाव को लागू या कार्यान्वित करते समय व्यक्तिगत निर्णय, आलोचनात्मक सोच और व्यक्तिगत जिम्मेदारी का प्रयोग करना आवश्यक है।"

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शीघ्रपतन यानी प्रीमैच्योर इजैक्यूलेशन एक ऐसी समस्या है जो कई पुरुषों को अंदर ही अंदर परेशान करती है, लेकिन ज़्यादातर लोग इसके बारे में खुलकर बात नहीं कर पाते। कभी स्खलन सेक्स शुरू होने के 1-3  मिनटों में ही हो जाता है [1], तो कभी इतनी जल्दी कि ठीक से शुरू भी नहीं हो पाता। यह स्थिति आत्मविश्वास को कम कर सकती है, रिश्तों में दूरी ला सकती है और मानसिक तनाव भी बढ़ा सकती है, लेकिन अच्छी बात यह है कि इसका इलाज मुमकिन है। इस लेख में हम बिना दवाओं वाले आसान उपायों से लेकर मेडिकल ट्रीटमेंट तक, हर उस चीज़ को समझेंगे जो आपको दोबारा कंट्रोल पाने में मदद कर सकती है। चाहे वो एक्सरसाइज़ हो, थेरेपी हो, या कुछ व्यावहारिक तकनीकें, शुरुआत यहां से हो सकती है।

बहुत से पुरुष इसी सोच में उलझे रहते हैं कि कहीं ये समस्या हमेशा की तो नहीं है, लेकिन सच्चाई ये है कि सही थेरेपी, एक्सरसाइज़ और गाइडेंस से बहुत फर्क आता है।

प्रीमैच्योर इजैक्यूलेशन (शीघ्रपतन) का उपचार

इसका कोई एकदम परमानेंट इलाज अभी मौजूद नहीं है, लेकिन कई असरदार उपाय हैं जो इसे बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद करते हैं। सही जानकारी, थोड़ा कुछ तकनीकों का अभ्यास और ज़रूरत पड़ने पर प्रोफेशनल मदद लेकर इस पर अच्छी तरह नियंत्रण पाया जा सकता है।

इस लेख में हम दो मुख्य तरीकों के ज़रिए इलाज को समझेंगे:

  • नॉन मेडिकल इलाज (बिना दवाइयों के इलाज)
  • मेडिकल इलाज 

शीघ्रपतन का नॉन मेडिकल इलाज (बिना दवाइयों के इलाज)

जब प्रीमैच्योर इजैक्यूलेशन की वजह मानसिक या भावनात्मक होती है, तब कई बार बिना दवाई वाले व्यवहारिक उपाय ही सबसे पहले असर दिखाते हैं। इनमें आते हैं:

  1. मनोवैज्ञानिक थेरेपी (Psychological Therapy):
  • अगर मन में घबराहट हो या नई पार्टनर के साथ आप कम्फ़र्टेबल न हों, तो यह प्रदर्शन की चिंता हो सकती है। ऐसे में मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग काफी मदद कर सकती है।
  • अगर परेशानी रिश्ते में तनाव की वजह से है, तो कपल काउंसलिंग के ज़रिए आपसी समझ और भावनात्मक जुड़ाव को बेहतर बनाया जा सकता है।
  • अगर सेक्स को लेकर शर्म, डर या अपराधबोध महसूस होता है, तो एक अच्छे सेक्स थेरेपिस्ट से बात करना फायदेमंद हो सकता है। एक स्टडी में बताया गया है कि मानसिक और यौन थेरेपी (Psychosexual therapy)  खासतौर से जब दवाओं के साथ मिलकर दी जाए, तो यह लाइफ लॉन्ग और सेकेंडरी (Acquired) शीघ्रपतन के इलाज में काफी असरदार हो सकती है [2]। थेरेपिस्ट आपकी भावनाओं को समझ कर धीरे-धीरे आपको इससे निकलने में मदद कर सकते हैं।

2. व्यवहारिक थेरेपी (Behavioural Therapy)

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यह थेरेपी उन तरीकों पर आधारित होती है जो आपको अपने ऑर्गैज़्म को कंट्रोल करना सिखाते हैं। इसका मकसद है कि आप अपनी उत्तेजना पर धीरे-धीरे नियंत्रण पाएं और ज्यादा देर तक टिक सकें [3]

  • स्टार्ट-स्टॉप तकनीक (Start-Stop Method):

जब आप या आपका पार्टनर आपको उत्तेजित करते हुए उस स्थिति में पहुंचा दें कि स्खलन होने ही वाला हो, तो तुरंत रुक जाएं। 30 सेकंड का ब्रेक लें और फिर दोबारा शुरू करें। इस प्रक्रिया को तीन बार दोहराएं और चौथी बार स्खलन होने दें। इसको सप्ताह में 2–3 बार करने की सलाह दी जाती है। यह एक तरह से शरीर और दिमाग को ट्रेन करने जैसा है।

एक स्टडी में पाया गया कि स्टार्ट-स्टॉप तकनीक शीघ्रपतन को कंट्रोल करने में असरदार तो है, लेकिन जब इसमें sphincter control training (यानी पेशाब रोकने वाली मांसपेशियों को कंट्रोल करने का अभ्यास) जोड़ा गया, तो नतीजे और भी बेहतर मिले [4]

  • ध्यान भटकाने की तकनीक (Distracted Thinking):

कभी-कभी जरूरत होती है दिमाग को थोड़ी देर के लिए सेक्स से हटाने की। इसके लिए कुछ लोग अपनी किसी पसंदीदा चीज़ को याद करते हैं, तो कोई मैथ्स के टेबल दोहराता है। इसका मतलब होता है, दिमाग को दूसरी ओर लगाकर उत्तेजना को थोड़ा धीमा करना।

  • एजिंग (edging):

एजिंग और स्टार्ट-स्टॉप तकनीक आपस में मिलती-जुलती हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल थोड़ा अलग होता है।  दोनों का मकसद ऑर्गैज़्म को टालना होता है। एजिंग में बार-बार उत्तेजना दी जाती है और ऑर्गैज़्म के करीब पहुंचकर रुक जाते हैं, फिर दोबारा शुरू करते हैं। वहीं स्टार्ट-स्टॉप तकनीक में जैसे ही ऑर्गैज़्म का अहसास होने लगता है, तब सेक्सुअल एक्टिविटी को थोड़ी देर के लिए रोक दिया जाता है।

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3. अन्य व्यवहारिक उपाय:

  • बायोफीडबैक थेरेपी (Biofeedback):

यह एक खास तकनीक है जिसमें आपको अपने शरीर और दिमाग की एक्टिविटीज़ को समझना सिखाया जाता है। इससे आप जान पाते हैं कि कब आपकी उत्तेजना ज्यादा हो रही है और कैसे उसे थोड़ा शांत कर सकते हैं। इसे डॉक्टर या थेरेपिस्ट की मदद से करते हैं।

  • सेक्स से पहले हस्तमैथुन करना:

सेक्स करने के कुछ समय पहले हस्तमैथुन करने से सेक्स के दौरान आप ज़्यादा देर तक टिक सकते हैं। खासतौर से ‘पेनिस-रूट मसाज’ तकनीक अपनाने से फायदा होता है, जिसमें लिंग की जड़ को हल्के हाथों से मसाज करते हुए ऑर्गैज़्म से पहले रुकना सीखते हैं [5]

  • पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (Kegels)

कीगल एक्सरसाइज छोटे-छोटे मसल्स को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज है, जो आपके स्खलन पर बेहतर नियंत्रण दिलाती है। इसे आप कहीं भी, कभी भी कर सकते हैं [6]

जिस मांसपेशी से आप पेशाब को बीच में रोकते हैं, उसी को दबाकर यह एक्सरसाइज की जाती है। इस मांसपेशी को 10 सेकंड तक कसकर रखें, फिर धीरे-धीरे छोड़ दें। इस प्रक्रिया को रोज़ाना तीन सेट में कम से कम 10 बार दोहराने की कोशिश करें। यह अभ्यास पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाता है और शीघ्रपतन पर नियंत्रण पाने में मदद कर सकता है।

  • धीमी शुरुआत करें

पेनिट्रेशन से पहले फोरप्ले (किसिंग, टचिंग) या ओरल सेक्स से शुरुआत करने से उत्तेजना का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे स्खलन को कंट्रोल करना आसान होता है और शीघ्रपतन की संभावना कम होती है। एक 2021 के अध्ययन के अनुसार, फोरप्ले के ज़रिए यौन उत्तेजना को धीरे-धीरे बढ़ाने से पुरुषों को स्खलन पर बेहतर नियंत्रण मिल सकता है, खासकर जब वह शारीरिक और मानसिक रूप से पहले से चिंतित हों। इस तकनीक को अन्य व्यवहारिक उपायों के साथ मिलाकर करने से और भी बेहतर परिणाम मिल सकते हैं [7]

4. जीवनशैली में बदलाव और अन्य सुझाव:

  • वज़न संतुलित रखें

मोटापा, डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियां सिर्फ आपके दिल या शरीर को ही नहीं, बल्कि आपके यौन स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती हैं। ये सभी कारण शीघ्रपतन की समस्या को बढ़ा सकते हैं।

एक 2017 के अध्ययन में यह बात सामने आई कि मेटाबोलिक सिंड्रोम  यानी शरीर में फैट, शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी गड़बड़ियां अचानक शुरू हुए शीघ्रपतन (acquired PE) से जुड़ी हो सकती हैं [8]

इसलिए अगर आप अपना वजन संतुलित रखते हैं, तो न सिर्फ आपकी एनर्जी बढ़ेगी, बल्कि सेक्स के दौरान आत्मविश्वास और नियंत्रण भी बेहतर होगा।

  • अपने खानपान पर ध्यान दें

आप क्या खाते है, इसका सीधा असर आपके हार्मोन और यौन स्वास्थ्य पर होता है। मेथी जैसे प्राकृतिक पदार्थ शरीर में फ्री टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जिससे आपकी सेक्स करने की इच्छा और प्रदर्शन दोनों अच्छे हो सकते हैं [9]। इसके अलावा, ज़िंक (Zinc), मैग्नीशियम (Magnesium), और सेलेनियम (Selenium) जैसे मिनरल सप्लीमेंट्स भी यौन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। ये नर्वस सिस्टम को मजबूत करते हैं और हार्मोन के संतुलन में मदद करते हैं, जिससे शीघ्रपतन जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है।

एक अध्ययन में पाया गया कि जिंक सप्लीमेंटेशन से यौन प्रदर्शन में सुधार हुआ और टेस्टोस्टेरोन के स्तर में बढ़ोतरी हुई। हालांकि यह अध्ययन चूहों पर किया गया था, लेकिन यह इस बात का इशारा है कि जिंक हमारे यौन स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा हो सकता है [10]

हालांकि, सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि हर व्यक्ति की ज़रूरत और स्वास्थ्य स्थिति अलग होती है। बिना कंसल्टेशन के सप्लीमेंट लेने से इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

  • कंडोम का इस्तेमाल करें

कंडोम, खासकर डिसेंसिटाइजिंग कंडोम, शीघ्रपतन को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं क्योंकि ये लिंग की संवेदनशीलता को थोड़ा कम कर देते हैं। ये अक्सर मोटे मटेरियल से बने होते हैं या इनमें हल्के एनेस्थेटिक (सुन्न करने वाले) तत्व होते हैं जो नसों की उत्तेजना को अस्थायी रूप से कम करते हैं। इससे आपको ज़्यादा देर तक टिकने में मदद मिल सकती है [11]। इसके अलावा, कंडोम यौन संचारित रोगों (STIs) और अनचाही प्रेग्नेंसी से बचाव का एक भरोसेमंद तरीका भी हैं [12]

  • शारीरिक और मानसिक सेहत का ख्याल रखें:

तनाव, चिंता और थकावट, ये सब आपके सेक्स ड्राइव और प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं [13]। रोज़ थोड़ा वक़्त एक्सरसाइज के लिए निकालिए, नींद पूरी लीजिए और अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखिए। अगर आप खुद को अंदर से अच्छा महसूस करेंगे, तो उसका असर आपके यौन जीवन पर भी साफ दिखाई देगा।

शीघ्रपतन का मेडिकल इलाज 

दवाइयाँ 

हालांकि अमेरिका की FDA (Food and Drug Administration) ने अभी तक शीघ्रपतन के इलाज के लिए किसी भी दवा को विशेष रूप से मंजूरी नहीं दी है। लेकिन 2022 की एक स्टडी में बताया गया है कि SSRIs, PDE5 inhibitors और लोकल एनेस्थेटिक क्रीम जैसे विकल्प, अकेले या मिलाकर, कई मामलों में असरदार साबित हुए हैं [14]

  • एंटी-डिप्रेसेंट्स दवाइयाँ (Anti-depressants) 

ये इस्तेमाल तो डिप्रेशन के इलाज के लिए की जाती हैं, लेकिन चूँकि इनका एक साइड इफ़ेक्ट ऑर्गैज़्म को देरी से लाना भी है, तो ये शीघ्रपतन के लिए भी फायदेमंद होती हैं, जैसे- Sertraline, Paroxetine, Fluoxetine, Citalopram आदि [15]इनमें से Dapoxetine ही ऐसी दवा है जो खासतौर पर शीघ्रपतन के इलाज के लिए बनाई गई है। इसे सेक्स से 1–3 घंटे पहले लिया जाता है। लेकिन इसे भी करीब 90% लोग साइड इफेक्ट्स या कम असर के कारण इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं [16]

  • PDE5 इन्हिबिटर्स (PDE5 inhibitors)

अगर किसी को इरेक्शन की समस्या के साथ-साथ शीघ्रपतन भी हो, तो PDE5 inhibitors असरदार साबित होते हैं। ये पुरुषों के प्राइवेट पार्ट की मांसपेशियों पर दबाव डालते हैं और स्खलन में देरी करते हैं। लेकिन अगर केवल शीघ्रपतन की समस्या है और इरेक्शन सामान्य है, तो ये दवाएं उतनी कारगर नहीं होतीं [7]

इसके साथ-साथ, पुरुषों को जो प्रदर्शन को लेकर तनाव (performance anxiety) रहता है, वो भी काफी हद तक कम हो सकता है।

  • अन्य दवाएं 

कुछ और दवाएं जैसे ट्रामाडोल, पिंडोलोल और क्लोमीप्रामीन को भी कुछ मामलों में शीघ्रपतन में फायदेमंद पाया गया है। ये असल में दूसरी बीमारियों के लिए बनाई गई हैं, लेकिन कभी-कभी डॉक्टर इन्हें खास परिस्थितियों में इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। इसलिए इन्हें खुद से बिल्कुल न लें। इनका इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की निगरानी में ही होना चाहिए। [18]

डिसेंसिटाइज़िंग क्रीम्स और स्प्रे (संवेदनशीलता कम करने वाले)

अगर लिंग की ज़्यादा संवेदनशीलता की वजह से जल्दी स्खलन हो रहा है, तो सुन्न करने वाली क्रीम्स  या स्प्रे मददगार हो सकते हैं। ये सेक्स से पहले लिंग के सिरे पर लगाई जाती हैं ताकि संवेदनशीलता थोड़ी कम हो जाए और स्खलन देर से हो।

  • Lidocaine या Prilocaine क्रीम या स्प्रे – सबसे आम और सिंपल ऑप्शन यही होता है। ये सीधे लिंग के सिरे (glans) पर लगाया जाता है [19]। सेक्स से करीब 20 से 30 मिनट पहले इसका हल्का सा इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन इसे ज़्यादा देर तक लगाकर न रखें, वरना इरेक्शन पर असर पड़ सकता है और सेक्स से पहले लिंग को अच्छी तरह से धो लें।
  • लिडोकेन + प्रिलोकेन (Lidocaine + Prilocaine) कॉम्बिनेशन – यह थोड़ा ज़्यादा असरदार हो सकता है, क्योंकि इसमें दो अलग तरह की सुन्न करने वाली दवाएं होती हैं। Fortacin स्प्रे इसी कॉम्बिनेशन का ब्रांडेड वर्ज़न है जो कुछ देशों में प्रिस्क्रिप्शन पर मिलता है [20]। भारत में इसी तरह के कई जेनेरिक स्प्रे और क्रीम उपलब्ध हैं।
  • Super Secret (SS) क्रीम – कोरिया और अन्य एशियाई देशों में यह हर्बल मिश्रण वाली क्रीम उपयोग होती है। यह लिंग की संवेदनशीलता कम करके स्खलन को देर से होने में मदद करती है [21]। (यह FDA से मंजूर नहीं है)

हर्बल प्रोडक्ट्स को लेकर सावधानी ज़रूरी है। एलर्जी या स्किन रिएक्शन का खतरा हो सकता है,    इसलिए कोई भी नया प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करें या डॉक्टर से पूछ लें।

सर्जरी से इलाज 

शीघ्रपतन के लिए सर्जरी का इलाज अभी भरोसेमंद नहीं है। ज़्यादातर लोगों को दवाओं, थेरेपी, एक्सरसाइज़ और काउंसलिंग से ही राहत मिल जाती है। इसलिए सर्जरी को आखिरी उपाय के रूप में ही देखा जाना चाहिए। इनमें शामिल हैं:

  • Selective dorsal nerve neurotomy: लिंग की कुछ नसों को काटना
  • Pulsed radiofrequency ablation / Cryoablation: नसों को गर्मी या ठंड से सुन्न करना
  • Hyaluronic acid gel injection: लिंग के सिरे (glans) में जेल भरना जिससे उसकी संवेदनशीलता कम हो