Disclaimer

"निम्नलिखित लेख विभिन्न विषयों पर सामान्य जानकारी प्रदान करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रस्तुत की गई जानकारी किसी विशिष्ट क्षेत्र में पेशेवर सलाह के रूप में नहीं है। यह लेख केवल शैक्षिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है।"

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"इस लेख को किसी भी उत्पाद, सेवा या जानकारी के समर्थन, सिफारिश या गारंटी के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए। पाठक इस ब्लॉग में दी गई जानकारी के आधार पर लिए गए निर्णयों और कार्यों के लिए पूरी तरह स्वयं जिम्मेदार हैं। लेख में दी गई किसी भी जानकारी या सुझाव को लागू या कार्यान्वित करते समय व्यक्तिगत निर्णय, आलोचनात्मक सोच और व्यक्तिगत जिम्मेदारी का प्रयोग करना आवश्यक है।"

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सेक्स ड्राइव का मतलब होता है सेक्स करने की इच्छा। हमारे देश में आज भी इस बारे में खुलकर बात करना बहुत लोगों को मुश्किल लगता है, खासकर अपने देश में। समाज में फैली धारणाओं के कारण लोग मान लेते हैं कि पुरुषों की सेक्स करने की इच्छा हमेशा ज़्यादा होती है [1], और महिलाओं की तो ना के बराबर, लेकिन असलियत इससे काफी अलग है। इस लेख में हम जानेंगे कि सेक्स ड्राइव होती क्या है, ये कैसे काम करती है, किन वजहों से इसमें उतार-चढ़ाव आता है, और कब इसे लेकर चिंता करना ज़रूरी होता है, और यह भी जानेंगे कि आपकी सेक्स ड्राइव “नॉर्मल” है या नहीं। 

सेक्स ड्राइव क्या है?

सेक्स ड्राइव या लिबिडो हमारे अंदर सेक्स करने की उस इच्छा को कहते हैं, जो अपने आप होती है। ये इच्छा हर इंसान में अलग अलग होती है, किसी में कम तो किसी में ज़्यादा। कोई हर दिन महसूस करता है, कोई कभी-कभार, और कई बार ये समय, उम्र, थकान, मूड या रिश्तों के उतार-चढ़ाव से बदलती भी रहती है। 

हमारे देश में, जहां सेक्स की बात करते ही हर कोई चुप्पी साध लेता है, वहाँ लोग अक्सर सोचते हैं कि अगर उनका सेक्स करने का मन कम या ज़्यादा करता है, तो शायद कुछ गड़बड़ है। लेकिन सच्चाई ये है कि इसकी  कोई “सही मात्रा” या “नॉर्मल लेवल” नहीं होता। जो आपको और आपके पार्टनर को ठीक लगे, वही आपके लिए “नॉर्मल” है।

कम या ज़्यादा सेक्स ड्राइव कोई कमी नहीं है , ये सिर्फ आपके शरीर का एक तरीका है कुछ बताने का। हमें बस उसे समझना और सुनना होता है।

सेक्स ड्राइव कम होने के कारण

सेक्स ड्राइव हमारे जीवन का एक प्राकृतिक हिस्सा है। लेकिन यह हमेशा एक-सा नहीं रहता। यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक (emotional) स्थिति, हार्मोन, रिश्तों और जीवनशैली से प्रभावित होता है। लेकिन अगर यह कमी बहुत समय से बनी है और आपके रिश्तों या आत्मविश्वास इसकी वजह से प्रभावित होने लगे हैं, तो इसका कारण जानना जरूरी हो जाता है।

शारीरिक कारण: आपके शरीर की हालत सीधा आपकी सेक्स ड्राइव पर असर डालती है। कुछ मेडिकल कारण हैं, जैसे:

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  • बीमारियाँ: डायबिटीज़ (शुगर की बीमारी), थायरॉयड, दिल की बीमारी आपकी सेक्स की इच्छा को कम कर सकती हैं [2]
  • हार्मोन बदलाव: महिलाओं में मेनोपॉज़, प्रेगनेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान हॉर्मोन बदलते हैं जिससे उनकी सेक्स ड्राइव पर असर पड़ता है [3]। वहीं पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी उम्र, तनाव या बीमारी की वजह से हो सकती है [4]
  • दवाइयाँ और नशा: डिप्रेशन, कैंसर या ब्लड प्रेशर की दवाएं, शराब पीना या स्मोक करना [5]। कुछ गर्भनिरोधक उपाय, जैसे पिल्स या इम्प्लांट्स, भी सेक्स की इच्छा को प्रभावित कर सकते हैं [6]
  • उम्र: बढ़ती उम्र के साथ साथ आपकी सेक्स ड्राइव में भी बहुत उतार चढ़ाव आ सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, 60 साल के बाद लोगों में सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है [7]। 

मानसिक कारण: सेक्स का अनुभव केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक भी होता है। भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर अब खुलकर बात होने लगी है, लेकिन अब भी बहुत लोग अपनी परेशानियों को मन मे ही दबाए रखते हैं, जिससे उन्हे तनाव होने लगता है, और यही उनकी सेक्स ड्राइव पर असर डाल सकता है, जैसे:

  • डिप्रेशन, चिंता और तनाव: ये मानसिक थकान लाते हैं, जो सेक्स में आपकी रुचि को दबा सकते हैं [8]
  • यौन उत्पीड़न (sexual harassment) या ट्रॉमा का पुराना अनुभव: कभी-कभी दिमाग के अंदर पुरानी बातें या डर छिपे होते हैं, जो हमें सेक्स करने का मन बनाने से रोक सकते हैं।
  • जीवनशैली और अन्य कारण:
  • अधिक शराब पीना या नशे करना: टेस्टोस्टेरोन और उत्तेजना पर असर डालते हैं।
  • स्मोकिंग: खून के बहाव और हार्मोन दोनों को प्रभावित करता है।
  • बहुत ज़्यादा या बहुत कम वर्कआउट: इसमें संतुलन ज़रूरी होता है। ज्यादा वर्कआउट शरीर को थका सकता है, जिससे सेक्स ड्राइव के कम होने के चांसेज़ बढ़ जाते हैं, जबकि कम एक्टिविटी मोटापा और थकावट ला सकती है [9]

सेक्स ड्राइव को कैसे बढ़ाएं:

अगर आप भी अपनी सेक्स ड्राइव बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं, तो इन उपायों को अपनाकर आप इसमें सुधार ला सकते हैं।

  • अच्छी नींद लें: नींद की कमी से हार्मोन असंतुलित हो सकते हैं और थकान से यौन इच्छा कम हो जाती है। कोशिश करें कि हर रात 7–8 घंटे की गहरी नींद लें। थका हुआ शरीर ना तो उत्तेजना महसूस कर पाता है, ना ही उसमें एनर्जी होती है [10]
  • नियमित एक्सरसाइज़ करें: फिटनेस से आत्मविश्वास और एनर्जी दोनों बढ़ते हैं। रिसर्च के अनुसार, शारीरिक रूप से जो लोग एक्टिव होते हैं, उन्हें सेक्स में अधिक रुचि होती है और वे सेक्स से अधिक संतुष्ट होते हैं [11]
  • संतुलित डाइट लें: कुछ चीज़ों जैसे डार्क चॉकलेट, लहसुन, केसर और तुलसी को परंपरागत रूप से सेक्स ड्राइव बढ़ाने वाला माना जाता है। रिसर्च से यह भी पता चला है कि लहसुन और तुलसी जैसे कुछ प्राकृतिक पदार्थ शरीर में खून के बहाव को सुधार सकते हैं, जिससे उत्तेजना में मदद मिल सकती है [12]। हालांकि, फलों जैसे स्ट्रॉबेरी या केला को लेकर वैज्ञानिक प्रमाण अभी सीमित हैं।
  • सेक्स थेरेपी लें: अगर आपको लगता है कि आपकी बहुत समय से सेक्स करने की इच्छा नहीं हो रही है, या कुछ मानसिक कारणों से सेक्स में मन नहीं लगता, तो ऐसे डॉक्टर से बात करें जो इन मामलों में मदद करते हैं, जैसे सेक्स थेरपिस्ट।
  • टेस्टोस्टेरोन थेरेपी: पुरुषों में उम्र के साथ टेस्टोस्टेरोन काम होता जाता है, जिससे सेक्स ड्राइव कम हो सकती है। कुछ मामलों में टेस्टोस्टेरोन थेरेपी मदद कर सकती है [13], लेकिन इसे केवल डॉक्टर की सलाह और जांच के बाद ही अपनाएं। महिलाओं में इसका असर अभी भी रिसर्च का विषय है।
  • खुद को पसंद करें: अपनी बॉडी को अपनाएं और उसका सम्मान करें। जब आप खुद को अच्छा महसूस करते हैं, तो यौन आत्मविश्वास भी बढ़ता है। सेक्स को सिर्फ प्रदर्शन न मानें, बल्कि उसमें मिलने वाले आनंद और कनेक्शन पर ध्यान दें।

सेक्स ड्राइव ज़्यादा होने के कारण:

  • हार्मोन और उम्र: किशोरावस्था में हार्मोनल उछाल जैसे लड़कों में टेस्टोस्टेरोन और लड़कियों में एस्ट्रोजेन सेक्स ड्राइव बढ़ाता है। उम्र के साथ ये उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं और इससे सेक्स की इच्छा प्रभावित होती रहती है [14]
  • मानसिक स्थिति: तनाव या चिंता में कुछ लोग सेक्स में सुकून ढूंढते हैं, जिससे उनकी इच्छा और बढ़ जाती है।
  • फिटनेस और एनर्जी (ऊर्जा): अच्छी सेहत और नियमित एक्सरसाइज़  से शरीर में ऊर्जा और खून का बहाव बेहतर होता है, जिससे सेक्स की इच्छा बढ़ सकती है [11]
  • रिश्तों और अनुभवों का असर: अगर पार्टनर के साथ सेक्स अच्छा हो, या लंबे समय से सेक्स न हुआ हो, तो इच्छा ज़्यादा महसूस हो सकती है [15]
  • शराब और नशा: हल्की शराब कभी-कभी मूड सेट कर सकती है, लेकिन ज़्यादा शराब या ड्रग्स लंबे समय में इच्छा को नुकसान पहुंचाते हैं।

सेक्स ड्राइव को कम कैसे करें?

वैसे तो हर व्यक्ति में सेक्स ड्राइव अलग अलग होती है, मतलब इसका काम या ज़्यादा होने का कोई पैमाना नहीं होता। लेकिन अगर आपकी सेक्स की इच्छा इतनी ज़्यादा हो जाए कि वो आपके रोजमर्रा के कामों या रिश्तों में बाधा डालने लगे, तो इसे गंभीरता से लेना ज़रूरी है। अच्छी बात ये है कि इसे संतुलित किया जा सकता है, बस समझदारी और सही दिशा में कुछ बदलावों के साथ।

  1. प्रोफेशनल मदद लें: किसी सेक्स थेरेपिस्ट या काउंसलर से बात करने से आप अपनी इच्छाओं को समझने और उन्हें नियंत्रित करने के बेहतर तरीके सीख सकते हैं।
  2. अपना ध्यान कहीं और लगाएं: हर बार सेक्स की इच्छा होने पर प्रतिक्रिया देना ज़रूरी नहीं। एक्सरसाइज़, कला, या कोई ऐसी ऐक्टिविटी जिसमें आप खुद को व्यस्त रख सकें, आपकी काफी मदद कर सकता है।
  3. अपने खानपान पर ध्यान दें: कुछ खाने की चीजें, जैसे मुलेठी और बहुत अधिक सोयाबीन, टेस्टोस्टेरोन को थोड़ा कम कर सकते हैं [16] [17], हालाँकि अभी इन पर और रिसर्च की जरूरत है। लेकिन ऐसा करने से पहले किसी डाईटीशियन या डॉक्टर से सलाह लें ताकि आपकी सेहत पर असर न पड़े।
  4. पार्टनर से खुलकर बात करें: अगर आप किसी रिश्ते में हैं, तो अपने पार्टनर से खुलकर बात करें। सेक्स के बजाय साथ बिताए पलों पर ध्यान दें, जैसे कि बिना अपेक्षा के एक-दूसरे को गले लगाना या साथ समय  बिताना।
  5. दवाइयों और मेडिकल इलाज: कुछ मामलों में डॉक्टर विशेष दवाओं या हार्मोनल इलाज की सलाह दे सकते हैं, लेकिन ये हमेशा विशेषज्ञ की निगरानी में ही लिया जाना चाहिए।
  6. नशे से दूरी: कुछ ड्रग्स जैसे कोकीन या मेथ सेक्स ड्राइव को असामान्य रूप से बढ़ा सकते हैं [18]। इनसे दूरी बनाये रखिए। 

हर इंसान की सेक्स ड्राइव अलग होती है, और उसमें उतार-चढ़ाव आना बिल्कुल आम बात है। कभी थकान, कभी तनाव, तो कभी रिश्तों की टेंशन, ये सब असर डाल सकते हैं। ज़रूरी ये नहीं कि आपकी इच्छा कितनी है, बल्कि ये है कि आप अपनी ज़रूरतों को समझें, खुद को स्वीकार करें और जब ज़रूरत हो तो बिना झिझक मदद लें। सेक्स ड्राइव को लेकर शर्म या चुप्पी की कोई ज़रूरत नहीं है। ये आपकी सेहत और रिश्तों का हिस्सा है, और इसे समझना और उसका ख्याल रखना, आपके लिए ही नहीं, आपके रिश्तों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।