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अगर आप ढीलापन की दवा पतंजलि के बारे में सोच रहे हैं तो जान लें कि पतंजलि की अश्वगंधा, मूसली, शिलाजीत, दिव्य यौवनामृत वटी और पेनिस ऑयल जैसी आयुर्वेदिक दवाएं धीरे-धीरे लिंग की मजबूती और स्टेमिना बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। लेकिन अगर इन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना लिया जाए तो पेट खराब होना, नींद में गड़बड़ी या अन्य साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए सेवन से पहले हमेशा डॉक्टर से राय लें। हल्की समस्याओं में ये सहायक हो सकती हैं, मगर गंभीर या लगातार बनी रहने वाली समस्याओं के लिए एलोपैथिक इलाज पर ज्यादा भरोसा करना सुरक्षित और असरदार माना जाता है।

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आजकल के तेज़ जीवन में पुरुष अपने यौन स्वास्थ्य पर अक्सर ध्यान नहीं दे पाते। तनाव, थकान, गलत खानपान और अन्हेल्थी लाइफस्टाइल की वजह से लिंग की कमजोरी या ढीलापन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। पतंजलि एक भारतीय ब्रांड है जो आयुर्वेदिक दवाएं और हर्बल सप्लीमेंट्स बनाता है। पुरुषों की यौन स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी पतंजलि ने कुछ प्रोडक्टस पेश किए हैं

अगर आप भी यौन स्वास्थ्य समस्याओं  के लिए आयुर्वेदिक दवा लेने का सोच रहे हैं, तो सबसे जरूरी बात यह है कि किसी भी दवा का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। डॉक्टर की सलाह के बिना दवा लेना खतरनाक  हो सकता है।

इस आर्टिकल में हम पतंजलि के कुछ प्रमुख आयुर्वेदिक विकल्पों, उनके उपयोग और रोज़मर्रा की आदतों के बारे में बताएंगे, जो धीरे-धीरे लिंग की मजबूती और सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

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क्या आपने कभी लिंग की कमजोरी या ढीलापन दूर करने के लिए आयुर्वेदिक दवा ट्राय की है?
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लिंग के ढीलापन के लिए पतंजलि की मुख्य आयुर्वेदिक दवाएं

पतंजलि ने पुरुषों की यौन स्वास्थ्य समस्याओं के लिए कई आयुर्वेदिक दवाएं और तेल पेश किए हैं। इनमें सबसे लोकप्रिय हैं:

दिव्य यौवनामृत वटी

  • यह टैबलेट शरीर को अंदर से मजबूत करती है।
  • जल्दी स्पर्म के निकालने (शीघ्रपतन) की समस्या में मदद करती है।
  • नियमित सेवन से सेक्सुअल स्टेमिना बढ़ती है।

अश्वगंधा

  • तनाव कम करने में मदद करती है।
  • शरीर की थकान और कमजोरी दूर करती है।
  • मानसिक स्वास्थ्य और सेक्सुअल ऊर्जा बढ़ाती है।

मूसली

  • शरीर की ताकत बढ़ाने और सेक्सुअल क्षमता सुधारने में मदद करता है।
  • लंबे समय तक उत्तेजना बनाए रखने में सहायक है।
  • सेक्स के दौरान लंबे समय तक मजबूती बनाए रखने में मदद करती है।

आयुर्वेदिक तेल (महामाष तेल, तेजस तेलम, सहचरादि तेल)

  • लिंग पर मसाज करने के लिए फायदेमंद।
  • मांसपेशियों को मजबूत करते हैं।
  • खून का बहाव बढ़ाते हैं, जिससे लिंग में मजबूती आती है।

पतंजलि या अन्य आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग हर व्यक्ति पर एक समान  असर नहीं करता। इन प्रोडक्टस से साइड इफेक्ट्स या अन्य दवाओं के साथ खतरनाक इंटरैक्शन का खतरा हो सकता है। बिना डॉक्टर की सलाह के इनका सेवन करना लिवर, किडनी और दिल पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए किसी भी दवा को शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।

क्या आयुर्वेदिक दवाएं लिंग का ढीलापन सच में ठीक करती हैं?

कई आयुर्वेदिक ब्रांड जैसे पतंजलि (और अन्य) दावा करते हैं कि उनकी दवाएं लिंग की कमजोरी और ढीलापन ठीक कर देती हैं। लेकिन अब तक ऐसा कोई मजबूत साइअन्टिफिक प्रूफ नहीं है जो इन दवाओं को प्रभावी और सुरक्षित इलाज साबित करता हो।

  • इन दवाओं का असर हर व्यक्ति पर अलग होता है और कई बार कोई असर नहीं होता।
  • इनमें मौजूद तत्व शरीर पर लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद साइड इफेक्ट डाल सकते हैं।
    आयुर्वेदिक या पतंजलि दवाओं को लिंग के ढीलेपन का असली इलाज मानना खतरनाक हो सकता है। यह समस्या केवल डॉक्टर द्वारा बताए गए अलोपैथिक इलाज से ही सुरक्षित तरीके से ठीक हो सकती है।

लिंग के ढीलापन की दवा के लिए अलोपैथिक इलाज

लिंग के ढीलापन का सबसे भरोसेमंद समाधान डॉक्टर द्वारा सुझाया गया अलोपैथिक इलाज ही है। अलोपैथिक इलाज में डॉक्टर पहले जांच करके कारण पता लगाते हैं और फिर दवा या थेरेपी सुझाते हैं। 

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PDE5 इन्हिबिटर 

ये PDE5 इन्हिबिटर दवाएँ लिंग की ब्लड वेससेल्स में ब्लड फ्लो बढ़ाती हैं जिस से इरेक्शन बेहतर हो सकता है। डॉक्टर की सुझाई हुई कुछ मुख्य दवाएँ:[1] 

  • सिल्डेनाफिल (Sildenafil): सिल्डेनाफिल लिंग में ब्लड फ्लो बढ़ाकर इरेक्शन को बेहतर बनाती है। असर 4 से 5 घंटे तक रहता है।
  • टाडालाफिल (Tadalafil): टाडालाफिल लिंग में ब्लड फ्लो बढ़ाकर इरेक्शन में मदद करता है। असर 24 से 36 घंटे तक रहता है।
  • अवानाफ़िल (Avanafil): अवानाफ़िल जल्दी असर करती है और ब्लड फ्लो बढ़ाती है।
  • वार्डेनाफिल (Vardonafil): वार्डेनाफिल ब्लड फ्लो बढ़ाकर इरेक्शन में मदद करती है।

 हार्मोन थेरेपी

अगर टेस्टोस्टेरोन की कमी है तो टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थैरेपी (TRT) दी जाती है। यह एक मेडिकल ट्रीटमेंट है जिसमें बाहर से शरीर में टेस्टोस्टेरोन दिया जाता है ताकि इसकी कमी पूरी हो सके। TRT कई तरीकों से दी जा सकती है : [2]

  • इंजेक्शन: सीधा मांसपेशी में लगाया जाता है।
  • जेल या क्रीम: इसे स्किन पर लगाकर शरीर में टेस्टोस्टेरोन पहुंचाया जाता है।
  • पैच: स्किन पर चिपकाए जाते हैं, धीरे-धीरे हॉर्मोन रिलीज करते हैं।
  • पिलेट (Pellets): छोटे-छोटे कैप्सूल जैसे दाने स्किन के नीचे लगाए जाते हैं, जो कुछ महीनों तक टेस्टोस्टेरोन छोड़ते रहते हैं।

इंजेक्शन और अन्य विकल्प

जब गोलियां असर नहीं करतीं, तो डॉक्टर इन्जेक्शन (जैसे अलपरोस्टडील, ट्रिमिक्स, पापवेरीने और फेंटोलमिन) का सुझाव दे सकते हैं। ये दवाएं सीधे लिंग में दी जाती हैं और ब्लड फ्लो बढ़ाकर 10–15 मिनट में इरेक्शन लाती हैं, भले ही यौन उत्तेजना (सेक्शुअल स्टिम्यलैशन) न हो। इनका फायदा यह है कि यह उन पुरुषों पर भी असरदार होते हैं जिन पर टैबलेट्स काम नहीं करतीं, लेकिन इन्हें हमेशा डॉक्टर की निगरानी में ही लेना चाहिए क्योंकि साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। [3]

मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग

कई बार लिंग के ढीलेपन की समस्या केवल शारीरिक कारणों से नहीं, बल्कि तनाव, चिंता, डिप्रेशन या रिलेशनशिप की दिक्कतों से भी जुड़ा होता है। ऐसे में काउंसलिंग और थेरेपी मदद करती है, जिससे पुरुष आत्मविश्वास वापस पा सकते हैं और यौन जीवन बेहतर कर सकते हैं।

लिंग के ढीलापन की दवा के लिए अलोपैथिक इलाज

निष्कर्ष 

लिंग का ढीलापन या कमजोरी सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं से सही नहीं होती। पतंजलि और अन्य दवाओं के बारे में दावे किए जाते हैं, लेकिन इनके असर और सुरक्षा का कोई पक्का सबूत नहीं है। इस समस्या का असली और भरोसेमंद इलाज डॉक्टर की देखरेख में मिलने वाला अलोपैथिक इलाज ही है। इसमें दवाइयाँ, हार्मोन थेरेपी, इंजेक्शन या काउंसलिंग शामिल हो सकते हैं। इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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"निम्नलिखित ब्लॉग लेख वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों और उनके संभावित प्रभावों या लाभों पर चर्चा करता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह या किसी योग्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के पेशेवर मार्गदर्शन के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति या उपचार पर विचार करने से पहले, एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करने की सिफारिश की जाती है।

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