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मार्केट में मिलने वाली इरेक्शन क्रीम या जेल जैसे विटारोज़, अल्प्रोस्टाडिल क्रीम, एरॉक्सॉन और पपावेरिन, इरेक्शन की समस्या में मदद कर सकते हैं, लेकिन इन्हें लगाने पर असर दिखने में 10–30 मिनट का समय लगता है। यह “1 मिनट में खड़ा करने वाली क्रीम” जैसा कोई चमत्कार नहीं करते। साथ ही इनसे जलन, एलर्जी या रैशेज़ जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इनका इस्तेमाल करना जोखिम भरा हो सकता है। सबसे अच्छा यही है कि किसी अच्छे डॉक्टर से पूछकर ही इनका इस्तेमाल करें।

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अगर आप यह खोज रहे हैं कि “1 मिनट में खड़ा करने वाली क्रीम”, तो सबसे पहले यह जान लें कि ऐसी कोई क्रीम या दवा मौजूद नहीं है। यह सिर्फ़ एक भ्रम (मिथ) है। हाँ, कुछ क्रीम और जेल ज़रूर मौजूद हैं जो पुरुषों को इरेक्शन पाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन इनका असर तुरंत यानी 1 मिनट में नहीं होता। आमतौर पर इन्हें असर दिखाने में 10 से 30 मिनट तक का समय लगता है। मार्केट में जिन क्रीम और जेल के नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में रहते हैं, उनमें विटारोस (एल्प्रोस्टाडिल) क्रीम, इरॉक्सॉन) और पपावेरिन  शामिल हैं। 

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि ये क्रीम और जेल असल में कैसे काम करते हैं, किन्हें इस्तेमाल करना चाहिए और किन्हें नहीं, और इनके साइड इफ़ेक्ट्स क्या हो सकते हैं।

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क्या आपको लगता है कि 1 मिनट वाली क्रीम का असर लंबे समय तक रहता है?
हाँ
नहीं

इरेक्शन क्रीम क्या होती हैं?

ये दवाइयाँ सीधे लिंग की त्वचा पर लगाई जाती हैं। इनका काम वहाँ की नसों और मांसपेशियों को रिलैक्स करके खून का बहाव बढ़ाना होता है।

  • टैबलेट्स (जैसे Viagra, Cialis) पूरे शरीर पर असर डालती हैं। लेकिन ये टॉपिकल क्रीम/जेल सिर्फ़ स्थानीय (local) जगह पर असर करती हैं, इसलिए इनके साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं।

बाज़ार में उपलब्ध कुछ प्रमुख इरेक्शन क्रीम और जेल

Vitaros विटारोस (एल्प्रोस्टाडिल Alprostadil) क्रीम 

  • इसमें Alprostadil [1] नाम का तत्व होता है जो लिंग की नसों को ढीला करके खून का बहाव बढ़ाता है।
  • लगाने के 10–12 मिनट बाद असर दिखने लगता है और इरेक्शन 1 घंटे से ज़्यादा रह सकता है।
  • इन्हें ज़्यादातर उन पुरुषों को दी जाती है जिन्हें वियाग्रा (Viagra) जैसी गोली सूट नहीं करती।
  • नोट: ये प्रिस्क्रिप्शन दवा है, यानी डॉक्टर की सलाह से ही मिलती है।

इरॉक्सॉन (Eroxon) (MED3000 Gel): नया FDA Approved Gel

  • यह हाल ही में अमेरिका और यूरोप में मंज़ूर हुआ है। [2]
  • इसे लगाने पर पहले ठंडक और फिर हल्की गर्माहट महसूस होती है, जिससे लिंग की नसें एक्टिव होती हैं और शरीर से नाइट्रिक ऑक्साइड निकलता है जो की लंबी इरेक्शन में मदद करता है।
  • यह ओवर-द-काउंटर (OTC) उपलब्ध है, यानी डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना खरीदा जा सकता है।
  • क्लिनिकल ट्रायल्स के अनुसार करीब 65% पुरुषों को 10 मिनट के अंदर इरेक्शन मिला, जो कि गोलियों (जैसे सिल्डेनाफिल) से तेज है क्योंकि वे आमतौर पर 30 मिनट लेती हैं। यह जेल सिंगल-यूज़ ट्यूब में आता है और सेक्स से ठीक पहले लगाया जाता है। [3]
  • एक बार इस्तेमाल के लिए छोटी-छोटी ट्यूब में आता है।

पपावेरिन जेल (Papaverine Gel)

  • यह जेल भी खून का बहाव बढ़ाता है। [4]
  • इसे खासकर स्पाइनल इंजरी वाले मरीज़ों में टेस्ट किया गया है।
  • लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है क्योंकि इसके बारे में सबूत कम हैं और यह हर जगह आसानी से उपलब्ध भी नहीं है

वेरपमिल क्रीम (Verapamil Cream)

  • इसे ज़्यादातर लिंग टेढ़ा होना ( Peyronie’s disease) जैसी समस्या में आज़माया जाता है। [5]
  • लेकिन इरेक्शन के लिए यह फर्स्ट-लाइन ट्रीटमेंट नहीं है।

इरेक्शन क्रीम से किन लोगों को फायदा हो सकता है?

  • जिन्हें वियाग्रा जैसी गोलियाँ सूट नहीं करतीं।
  • जिन्हें दूसरी दवाइयों या बीमारियों की वजह से टैबलेट्स लेने में दिक़्क़त है।
  • जो लोकल और नॉन-इनवेसिव (बिना सर्जरी/इंजेक्शन) इलाज चाहते हैं।

किन लोगों को इरेक्शन क्रीम से बचना चाहिए?

  • जिन्हें क्रीम या जेल के किसी इंग्रेडिएंट से एलर्जी है।
  • जिनकी त्वचा पर इन्फेक्शन या घाव हो।
  • जो लगाने के तरीके को सही से फॉलो नहीं कर सकते।

इरेक्शन क्रीम के साइड इफेक्ट्स

  • एल्प्रोस्टाडिल क्रीम : हल्की जलन, खुजली या लालपन।
  • इरॉक्सॉन जेल : सिरदर्द या हल्की जलन।
  • वेरपमिल क्रीम: कभी-कभी ब्लड प्रेशर कम कर देता है।

ज़्यादातर साइड इफेक्ट्स हल्के होते हैं और थोड़े समय बाद ख़त्म हो जाते हैं।

निष्कर्ष

कोई भी क्रीम या जेल जादू की तरह एक मिनट में इरेक्शन नहीं देता। बाज़ार में उपलब्ध विकल्प जैसे विटारोस, अल्प्रोस्टाडिल क्रीम, एरॉक्सॉन और पपावेरिन जेल कुछ लोगों में असर दिखा सकते हैं, लेकिन इनका प्रभाव सीमित होता है और हर व्यक्ति में अलग-अलग परिणाम मिलते हैं। साथ ही, इनके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं जैसे जलन, एलर्जी या त्वचा पर रैशेज़। इसलिए केवल विज्ञापन देखकर इनका प्रयोग करना समझदारी नहीं है। डॉक्टर की सलाह लेना बेहद ज़रूरी है, ताकि यह तय हो सके कि यह आपके लिए सुरक्षित है या नहीं। हमेशा याद रखें, सावधानी और सही मेडिकल गाइडेंस ही आपके यौन स्वास्थ्य को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती है।

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