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डापोक्सेटीन (Dapoxetine) शीघ्रपतन के इलाज के लिए बनी दुनिया की पहली और खास दवा है। यह दिमाग में serotonin का स्तर बढ़ाकर स्खलन को देर से होने में मदद करती है, जिससे पुरुष को नियंत्रण और आत्मविश्वास दोनों मिलते हैं। सही खुराक और डॉक्टर की सलाह के साथ लेने पर यह सुरक्षित और असरदार साबित होती है। हालांकि, इसे Viagra या अन्य दवाओं के साथ मिलाकर लेना खतरनाक हो सकता है। इसकी कीमत थोड़ी ज़्यादा हो सकती है, लेकिन कई पुरुषों के लिए यह रिलेशनशिप और आत्मसम्मान बचाने वाली दवा साबित होती है। इसलिए इसे शुरू करने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

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पुरुषों की यौन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में Premature Ejaculation (शीघ्रपतन) सबसे आम समस्या मानी जाती है। यह समस्या न सिर्फ शारीरिक असुविधा देती है, बल्कि मानसिक तनाव और रिश्तों पर भी असर डालती है। शोध बताते हैं कि दुनिया भर में 20% से ज़्यादा पुरुष इस समस्या से जूझते हैं [1]। अपने देश में तो इस पर खुलकर बात भी नहीं होती, जिससे हालात और बिगड़ जाते हैं।

इसी समस्या के इलाज के लिए एक खास दवा बनाई गई है, जो है डापोक्सेटीन (Dapoxetine)। यह दुनिया की पहली दवा है जिसे सिर्फ शीघ्रपतन के इलाज के लिए मंज़ूरी मिली है। हालांकि यह FDA एप्रूव्ड नहीं है। लेकिन सवाल ये हैं कि:

  • यह दवा असल में काम कैसे करती है?
  • क्या इसे हर कोई ले सकता है?
  • इसके साइड इफेक्ट्स और सावधानियां क्या हैं?

शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) क्या है?

शीघ्रपतन में पुरुष सेक्स के दौरान बहुत जल्दी (1–2 मिनट के अंदर) वीर्य (semen) स्खलित कर देता है। इसके मुख्य लक्षण हैं:

  • सेक्स शुरू होने के तुरंत बाद वीर्य निकल जाना।
  • पुरुष का स्खलन पर नियंत्रण न होना।
  • बार-बार ऐसा होना जिससे तनाव और निराशा पैदा होना।
  • रिश्तों में असंतोष या पार्टनर के साथ दूरी बढ़ना।

कारण:

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  • मानसिक तनाव और चिंता
  • अनुभव की कमी
  • हार्मोनल असंतुलन
  • दिमाग और नसों से जुड़े रसायनों का असंतुलन (जैसे serotonin की कमी)
  • कभी-कभी अन्य सेक्स से संबंधित समस्याएं जैसे erectile dysfunction
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अगर आपको शीघ्रपतन (Premature Ejaculation) की समस्या है, तो क्या आपने कभी इसके इलाज के लिए डॉक्टर से मदद ली है?
हाँ, मैंने डॉक्टर से सलाह ली है
हाँ, लेकिन अभी तक दवा नहीं ली
नहीं, लेकिन लेने की सोच रहा हूँ
नहीं, मैंने कभी मदद नहीं ली

डापोक्सेटीन क्या है?

डापोक्सेटीन एक दवा है जो Selective Serotonin Reuptake Inhibitor (SSRI) वर्ग में आती है। आमतौर पर SSRIs डिप्रेशन में दी जाती हैं, लेकिन डापोक्सेटीन short-acting SSRI है, यानी इसका असर जल्दी शुरू होता है और ज्यादा देर तक नहीं रहता।

इसी कारण इसे “on-demand medicine” कहा जाता है, यानी इसे रोजाना नहीं बल्कि सिर्फ सेक्स से पहले लेना होता है [2]। डापोक्सेटीन भारत में प्रिस्क्रिप्शन दवा है। यानी इसे केवल डॉक्टर की सलाह और पर्ची पर ही खरीदा जा सकता है और यह Priligy (ब्रांड नाम) और कई जेनेरिक दवाओं के रूप में उपलब्ध है।

डापोक्सेटीन कैसे काम करती है? (Mechanism of Action)

हमारे दिमाग और रीढ़ की हड्डी में ऐसे रास्ते (pathways) होते हैं जो यह तय करते हैं कि पुरुष कब स्खलित होगा। इसमें serotonin नामक रसायन बहुत अहम भूमिका निभाता है।

  • डापोक्सेटीन serotonin की reuptake (वापस खींचने) की प्रक्रिया को रोक देती है।
  • इससे दिमाग में serotonin का स्तर बढ़ जाता है।
  • serotonin बढ़ने से ejaculation reflex (स्खलन का संकेत) देर से होता है।
  • जिससे पुरुष ज्यादा देर तक सेक्स कर पाता है और स्खलन पर नियंत्रण बढ़ता है [3]।

डापोक्सेटीन कब और कैसे लेनी चाहिए?

  • यह दवा सेक्स से 1–3 घंटे पहले ली जाती है।
  • शुरुआती खुराक 30 mg होती है।
  • अगर असर कम हो और साइड-इफेक्ट्स न हों तो डॉक्टर खुराक 60 mg तक बढ़ा सकते हैं।
  • इसे दिन में एक बार से ज्यादा नहीं लेना चाहिए [4]।
  • गोली को पूरा एक गिलास पानी के साथ निगलना चाहिए।
  • इसे खाने के साथ या बिना खाए भी लिया जा सकता है, लेकिन बहुत ज्यादा तैलीय भोजन से इसका असर धीमा हो सकता है।

डापोक्सेटीन किन लोगों को दी जाती है?

  • 18 से 64 साल के पुरुष जिन्हें बार-बार जल्दी स्खलन की समस्या हो।
  • जिनका intravaginal ejaculation latency time (IELT) यानी सेक्स के दौरान वीर्य निकलने का समय 2 मिनट से भी कम हो।
  • जिनके रिश्तों और आत्मविश्वास पर इस समस्या का असर पड़ रहा हो। 

डापोक्सेटीन के फायदे

कई क्लीनिकल स्टडीज़ में पाया गया है कि डापोक्सेटीन से:

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  • सेक्स का समय (IELT) 2–3 गुना तक बढ़ जाता है।
  • पुरुष अपने स्खलन पर बेहतर नियंत्रण रख पाता है।
  • पुरुष और उसकी पार्टनर दोनों की संतुष्टि बढ़ती है।
  • चिंता और घबराहट कम होती है।
  • रिश्तों में अंतरंगता (intimacy) वापस आ सकती है।

एक स्टडी में पाया गया कि placebo लेने वालों में IELT सिर्फ़ 1.9 मिनट तक पहुंचा, जबकि डापोक्सेटीन 30 mg लेने वालों का IELT 3.2 मिनट और 60 mg लेने वालों का IELT 3.5 मिनट तक पहुंच गया [5]।

डापोक्सेटीन के संभावित दुष्प्रभाव (Side Effects)

हर दवा की तरह डापोक्सेटीन के भी कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ज्यादातर हल्के और अस्थायी होते हैं:

  • आम दुष्प्रभाव (हल्के): जी मिचलाना, सिरदर्द, चक्कर आना, नींद की समस्या, थकान, दस्
  • कम देखने वाले दुष्प्रभाव: अचानक बेहोशी (syncope), ब्लड प्रेशर गिरना, मूड में बदलाव या डिप्रेशन
    ध्यान दें: शराब पीने पर ये दुष्प्रभाव और बढ़ सकते हैं [3]।

डापोक्सेटीन शीघ्रपतन के इलाज में प्रभावी हो सकती है, लेकिन इसका इस्तेमाल तभी सुरक्षित है जब इसे डॉक्टर की देखरेख में लिया जाए।

डापोक्सेटीन लेते समय सावधानियाँ

  • 18 साल से कम और 65 साल से ज्यादा उम्र के पुरुष इसे न लें।
  • दिल की बीमारी, लिवर या किडनी की गंभीर समस्या होने पर यह दवा खतरनाक हो सकती है [6]।
  • जिन लोगों को डिप्रेशन, मिर्गी या schizophrenia जैसी मानसिक बीमारियाँ हैं, उन्हें खास सावधानी बरतनी चाहिए।
  • यह दवा महिलाओं और बच्चों के लिए नहीं है।

कौन-सी दवाओं के साथ डापोक्सेटीन नहीं लेनी चाहिए?

डापोक्सेटीन लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि यह दवा शरीर में नर्वस सिस्टम और ब्लड प्रेशर (बीपी) पर असर डालती है। अगर इसे कुछ अन्य दवाओं के साथ लिया जाए तो गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जैसे ब्लड प्रेशर अचानक गिर जाना, बेहोशी, चक्कर, या फिर serotonin syndrome हो सकता है।

इसलिए डापोक्सेटीन के साथ इन दवाओं का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए:

  • अन्य SSRIs या Antidepressants
    • डापोक्सेटीन भी SSRI है। अगर इसे किसी और SSRI या डिप्रेशन की दवा के साथ लिया जाए तो serotonin syndrome हो सकता है, जिसके लक्षण हैं: तेज बुखार, मांसपेशियों में जकड़न, बेचैनी, और गंभीर मामलों में कोमा।
  • Monoamine Oxidase Inhibitors (MAOIs)
    • ये दवाएँ भी डिप्रेशन में दी जाती हैं। डेपॉक्सिटिन के साथ लेने पर खतरनाक drug interaction हो सकता है।
    • अगर मरीज MAOI ले रहा है, तो उसे बंद करने के कम से कम 14 दिन बाद ही डपॉक्सिटीन शुरू की जानी चाहिए
  • Thioridazine
    • यह दवा मानसिक रोग (schizophrenia) में दी जाती है।
    • डापोक्सेटीन के साथ लेने पर हृदय की धड़कन अनियमित (arrhythmia) हो सकती है।
  • Nitrates (छाती दर्द की दवा)
    • नाइट्रेट्स आमतौर पर angina या दिल की बीमारी में दी जाती हैं।
    • नाइट्रेट्स और डापॉक्सिटीन साथ लेने से अचानक ब्लड प्रेशर बहुत नीचे गिर सकता है, जिससे बेहोशी और जान का खतरा तक हो सकता है।
  • Erectile Dysfunction की दवाएँ (जैसे Sildenafil, Tadalafil, Vardenafil)
    • ये दवाएँ लिंग में खून का बहाव बढ़ाकर काम करती हैं।
    • डापोक्सेटीन के साथ लेने पर ब्लड प्रेशर बहुत कम हो सकता है और चक्कर, गिरने या बेहोशी का खतरा बढ़ जाता है।

इसीलिए:

  • डापोक्सेटीन शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं और सप्लीमेंट्स की पूरी जानकारी दें, जो आप ले रहे हैं।
  • इसमें एलर्जी की दवाएँ, विटामिन, हर्बल सप्लीमेंट्स (जैसे अश्वगंधा, जिनसेंग) भी शामिल करें, क्योंकि ये भी असर डाल सकते हैं।
  • डॉक्टर ही आपको बता सकते हैं कि यह दवा आपके लिए सुरक्षित है या नहीं।

ALLO के सुझाव और टिप्स 

  • पार्टनर के साथ खुलकर बात करें: सेक्स से पहले अपनी चिंता और अनुभव के बारे में पार्टनर से बात करने से तनाव कम होता है और दवा अधिक असरदार होती है।
  • स्ट्रेस कम करने के लिए हल्की एक्सरसाइज या मेडिटेशन करें: रोज़ाना 10–15 मिनट हल्की शारीरिक गतिविधि या ध्यान करने से मानसिक तनाव कम होता है और शीघ्रपतन पर बेहतर नियंत्रण मिलता है।

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