हस्तमैथुन के सही तरीके: महिलाएं और पुरुष कैसे हस्तमैथुन करते हैं?
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हस्तमैथुन को हमेशा से गलत माना जाता रहा है। हमारे समाज में इसके या सेक्स एजुकेशन के बारे में खुलकर बात करना आज भी “नो– नो” है, जिसकी वजह से इसके बारे में लोगों को आधी– अधूरी बात की ही जानकारी होती है, और इसको एक गंदी और शर्मनाक आदत के रूप में देखते हैं। इसलिए यह जानना कि लोग हस्तमैथुन कैसे करते हैं, आपकी अपने शरीर को समझने में मदद कर सकता है। इससे आपको पता चलता है कि आपको क्या अच्छा लगता है। जब आप अपने शरीर को समझते और पसंद करने लगते हैं, तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है और आप जैसे हैं, वैसे ही अपने आप को अपनाना सीखते हैं। यही चीज़ आपको यौन रूप से समझदार बनाती है, आत्मविश्वास देती है और अपने शरीर को अपनाना सिखाती है।
इस लेख में हम हस्तमैथुन करने के विभिन्न तरीकों के बारे में जानेंगे।
हस्तमैथुन करने के तरीके
हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, किसी को क्या अच्छा लगता है, यह पूरी तरह से उसकी पसंद, अनुभव और मूड पर होता है। इसी तरह उसके हस्तमैथुन करने के तरीके भी अलग हो सकते हैं। हर कोई अपने हिसाब से इसको करता है, जैसे कोई हाथों से ही खुद को छूना पसंद करता है, कोई अपनी कल्पनाओं में जीता है, किसी को सेक्स टॉयज और अलग अलग पोजिशंस के साथ प्रयोग करना अच्छा लगता है तो कोई पोर्न देखने में दिलचस्पी रखता है।
यहाँ हम उन्हीं तरीकों के बारे में बात करने जा रहे हैं:
मैनुअल हस्तमैथुन (Manual masturbation)
यह हस्तमैथुन करने का सबसे आम और प्राकृतिक तरीका होता है, जिसमे लोग अपने जननांगों या शरीर के अन्य संवेदनशील अंगों को छूकर उत्तेजित होते हैं। इसमें आपको कोई भी बाहरी उपकरण की जरूरत नहीं होती। पुरुष अपने लिंग को हाथ से पकड़कर ऊपर नीचे करते हैं, वहीं महिलाएं अपनी उंगलियों से योनि या क्लिटोरिस (भगशेफ) के आसपास हल्के हल्के से रगड़ती हैं।
लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि शुरुआत हमेशा धीमी गति से ही करें, और लिंग पर दबाव हल्का ही हो, क्योंकि ज्यादा दबाव से जलन और दर्द हो सकता है।
सेक्स टॉयज का उपयोग (Sex Toys)
अगर आप अपने हाथों का इस्तेमाल करके बोर हो गए हैं, और इसमें कुछ नयापन चाहते हैं तो आपके लिए सेक्स टॉयज एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। यह न सिर्फ आपका यौन आनंद बढ़ाते हैं [1], बल्कि आपको अपने शरीर को नए तरीके से समझने का मौका भी देते हैं। इनमें से कुछ टॉयज के बारे में यहाँ बताया गया है:
महिलाओं के लिए:
- वाइब्रेटर: ये सीधे क्लिटोरिस पर कंपन करते हैं। इन्हें हल्के से छूने या क्लिटोरिस पर गोल–गोल घुमाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- डिल्डो/वाइब्रेटिंग डिल्डो: इनका उपयोग योनि में प्रवेश के लिए किया जाता है। इसको प्रयोग करने से पहले इसमें लुब्रिकेंट (चिकना करने वाला पदार्थ) लगाएं, जिससे इसे उपयोग करने में आसानी हो और आपके अंदरूनी अंग सुरक्षित रहें।
- रैबिट वाइब्रेटर: यह एक साथ योनि में प्रवेश करने के लिए और बाहर क्लिटोरिस को उत्तेजना देने के लिए बनाया गया है। इसके क्लिटोरल हिस्से में दो छोटे–छोटे कान जैसे एक्सटेंशन होते हैं जो खरगोश के कान जैसे दिखते हैं। इसका बड़ा हिस्सा योनि के अंदर जाता है और कान जैसा हिस्सा क्लिटोरिस पर टिकता है। इससे गहरा ऑर्गेज्म होता है।
पुरुषों के लिए:
- फ्लेशलाइट: यह सेक्स टॉय दिखने में एक टॉर्च जैसा होता है, जिसका अंदर का हिस्सा सिलिकॉन का होता है, जो योनि, गुदा या मुँह की आकृति में बना होता है। इसमें पहले वाटर–बेस्ड लुब्रिकेंट डाला जाता है, उसके बाद पुरुष अपना लिंग इसके अंदर स्लाइड करते हैं। इसमें आप अपनी गति, दबाव और एंगल को खुद नियंत्रित करते हैं, और यह बहुत रियल फील देता है।
- वाइब्रेटिंग रिंग्स: ये सिलिकॉन की रिंग्स होती हैं जो पुरुष अपने लिंग के बेस पर पहनता है। इनमें एक वाइब्रेटिंग मोटर लगी होती है, जो हस्तमैथुन करते समय कंपन करती है। यह लिंग के बेस को हल्का दबाए रखता है, जिससे खून जल्दी वापस नहीं जाता और लिंग में तनाव (इरेक्शन) बना रहता है और लिंग की संवेदनशीलता बनी रहती है।
आपसी हस्तमैथुन (Mutual masturbation)
आपसी हस्तमैथुन में आप और आपका पार्टनर एक दूसरे के सामने या एक दूसरे की मदद से हस्तमैथुन करते हैं। इसमें ऐसा जरूरी नहीं है कि शारीरिक संपर्क हो ही। आप बस सामने बैठ कर देखते हैं, या फिर एक दूसरे को छूते हैं। इसमें सेक्स टॉयज भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, आपसी हस्तमैथुन से पुरुषों में सेक्सुअल संतुष्टि का स्तर आमतौर पर ज्यादा होता है [2]। लेकिन इसमें पार्टनर की सहमति बहुत जरूरी होती है।
यह काफी सुरक्षित है क्योंकि इसमें शरीर के तरल पदार्थ(बॉडी फ्लुइड्स) का आदान प्रदान नहीं होता, इसके और कई फायदे भी हैं, जैसे–
1. यह उन कपल्स के लिए सुरक्षित, अंतरंग और स्वस्थ होता है, जो अपने पार्टनर की पसंद, नापसंद और संवेदनशील अंगों के बारे में जानना चाहते हैं।
2. इसमें किसी भी सेक्स संचारित बीमारी का खतरा नहीं होता।
3. अगर आप किसी वजह से सेक्स नहीं करना चाहते तो निकटता बरकरार रखने के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
4. आपसी हस्तमैथुन करने से आपके और आपके पार्टनर के बीच शर्म, अपराधभाव और अपने प्रदर्शन की चिंता भी खत्म हो जाती है।
कल्पना (Fantasy) के साथ हस्तमैथुन:
कई लोग सिर्फ अपने आप को छूने से ही नहीं, बल्कि अपने दिमाग की कल्पनाओं (सेक्सुअल फैंटेसी) से ज्यादा उत्तेजित होते हैं। ऐसी कल्पनाएं हस्तमैथुन के दौरान बहुत सामान्य होती हैं। इन कल्पनाओं में कुछ भी हो सकता है, जैसे– कोई पुराना अनुभव, किसी फिल्म का सीन, उनका खुद का कोई रोमांटिक लम्हा। ये सभी चीज़ें दिमाग को उत्तेजना और आनंद दिलाने में मदद करती हैं।
असल में, कल्पना का इस्तेमाल करते हुए हस्तमैथुन करने से आप अपनी पसंद-नापसंद को बेहतर समझ पाते हैं। ये कोई शर्म की बात नहीं है, बल्कि अपने शरीर को जानने और समझने का एक हेल्दी तरीका है।
अन्य संवेदनशील हिस्सों (erogenous zones) को उत्तेजित करना:
क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर में ऐसे संवेदनशील अंग भी हैं जो हल्के से छूने पर ही उत्तेजित हो सकते हैं? हस्तमैथुन का मतलब सिर्फ अपने जननांगों को छूना नहीं होता, बल्कि अपने पूरे शरीर में ऐसे हिस्सों के बारे में पता लगाना होता है। जैसे– निपल्स, जांघ का अंदरूनी हिस्सा, गर्दन और कान, गुदा, पेट के निचले हिस्से,और कूल्हे।
माइंडफुल हस्तमैथुन:
आजकल जहाँ पोर्न देखना हर किसी (खासकर युवा) की पहुँच में है, वहां कई लोग मानने लगे हैं कि सेक्स एक ख़ास अंदाज़ में दिखना और होना चाहिए। इस वजह से असली सेक्स सिर्फ एक परफॉर्मेंस बन के रह जाता है, जबकि सेक्स एक अनुभव होता है [3]।
माइंडफुल हस्तमैथुन यानी पूरी सजगता और ध्यान के साथ खुद को छूना, अपनी यौन ज़रूरतों और इच्छाओं से फिर से जुड़ने का एक गहरा तरीका है। इसमें न तो ऑर्गैज़्म पर ध्यान होता है, न ही किसी वीडियो, टॉयज या कल्पना पर, बल्कि आप अपने शरीर और उसके हर स्पर्श के साथ मौजूद रहते हैं।
इसके फायदे हैं:
- अपने शरीर को गहराई से समझना: जब आप अपने शरीर के ज्यादा संवेदनशील हिस्सों के बारे में जान जाते हैं, तो पार्टनर के साथ खुलकर बात कर सकते हैं।
- ज्यादा आनन्द: जब आप अपने पूरे शरीर पर ध्यान देते हैं, तो पूरा शरीर आनंद का स्रोत बन जाता है, जैसे– पेट, जांघों का अंदरूनी हिस्सा, निपल्स वगैरह।
- मानसिक सुकून: जब आप खुद को समय देने लगते हैं, तो इससे आत्म– सम्मान बढ़ता है, और मानसिक सुकून मिलता है।
- बेहतर नींद और कम तनाव: आपको यह पता ही है कि मेडिटेशन (ध्यान) से तनाव कम होता है, और हस्तमैथुन के बाद दिमाग से फील–गुड केमिकल्स निकलते हैं, जैसे– डोपामिन, ऑक्सीटोसिन, जो मूड को बेहतर बनाते हैं। अब सोचिए, जब आप दोनों को एक साथ करेंगे, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना मजबूत सहारा बन सकता है।
अधिक संतुष्टि के लिए पोजिशन और तरीके
यहाँ कुछ खास तकनीकें और पोजिशन जो लोगों को अधिक संतुष्टि देने में मदद कर सकती हैं, बताई गई हैं:
महिलाओं के लिए:
1. क्लिटोरल उत्तेजना: यह अक्सर उंगली से क्लिटोरिस को हल्के से रगड़ने से शुरू होती है। कुछ लोग वाइब्रेटर्स या अन्य सेक्स टॉयज का भी इस्तेमाल करते हैं जिससे अनुभव और मजेदार होता है।
2. वेजाइनल उत्तेजना: उंगली या सेक्स टॉय से योनि के अंदर हल्की गहराई तक जाने से गहरा सुख मिल सकता है। शुरुआत में लुब्रिकेंट (चिकने पदार्थ) का इस्तेमाल ज़रूर करें।
3. क्लिटोरल और वेजाइनल उत्तेजना: कुछ लोग एक साथ बाहरी और अंदरूनी उत्तेजना को पसंद करते हैं। इससे एक तरह का मिश्रित ऑर्गैज़्म महसूस हो सकता है।
प्रभावी पोजीशन:
1. सिटिंग एज: बिस्तर या कुर्सी के किनारे बैठकर, पैरों को ज़मीन पर रखकर खुद को एक्सप्लोर करना।2
2. पिलो प्रेस: पेट के बल लेटकर, तकिया नीचे रखकर हल्की रगड़ महसूस करना।3
3. लेज़ी संडे: एक तरफ करवट लेकर आराम से हाथों से छूना।
4. नीलिंग लीन: घुटनों के बल बैठकर आगे झुकना – इससे एक अलग एंगल मिलता है।
5. फीटल कडल: पैरों को मोड़कर करवट लेकर, शरीर को सुरक्षित और सेंसिटिव पोजिशन में रखना।
पुरुषों के लिए:
1. हाथ से स्ट्रोक करना: लिंग के सिरे को पकड़कर कभी तेज तो कभी हल्के हाथों से ऊपर नीचे करना।
2. वैरायटी लाना: दबाव, गति और पकड़ में बदलाव लाकर अलग एहसास पाना।
3. कमर को हिलाना: इससे सेक्स जैसा एहसास आ सकता है।
4. अन्य हिस्सों को छूना: अंडकोष (Testicles), पेरिनियम (अंडकोष और गुदा के बीच का हिस्सा), और निपल्स भी उत्तेजित कर सकते हैं।
अपने शरीर को जानना शर्म की बात नहीं है — ये आत्मविश्वास और यौन स्वास्थ्य की दिशा में पहला कदम है।
हस्तमैथुन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- साफ– सफाई का ध्यान रखें: हमेशा हस्तमैथुन करने से पहले और करने के बाद हाथों को साबुन से धोएं। अगर कोई लुब्रिकेंट या सेक्स टॉय का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसकी साफ– सफाई का ध्यान रखें और एक्सपायरी जरूर देखें।
- हस्तमैथुन को लत न बनने दें: अगर आप बहुत बार हस्तमैथुन करते हैं और इसका असर अब आपके रिश्तों, दिनचर्या या पढ़ाई पर पड़ने लगा है, तो रुककर सोचें।
- अपने शरीर की सुनें: धीरे-धीरे, अपनी गति और आराम के हिसाब से करें। जल्दबाज़ी न करें।
- पोर्न पर ज्यादा निर्भर न हों: आपको अपने शरीर और कल्पनाओं से जुड़ने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे आपको ’माइंडफुल’ अनुभव मिलेगा।
डॉक्टर से कब मिलें
यूँ तो हस्तमैथुन सामान्यतः सुरक्षित होता है, लेकिन अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या लग रही हो, तो डॉक्टर से जरूर बात करें:
- हर बार हस्तमैथुन करने पर चुभन, दर्द या जलन होना
- लिंग या योनि में कट, या सूजन
- ब्लीडिंग (लिंग या योनि से खून आना)
- अगर कोई सेक्स टॉय फँस गया हो
- अगर बार बार हस्तमैथुन आपकी करने की इच्छा हो रही हो या लत लग गई हो जिससे आपका निजी जीवन प्रभावित हो रहा हो।
सच बात तो यह है कि हस्तमैथुन करने का कोई भी तरीका सही या गलत नहीं होता। चाहे आप इसे हाथों से करें, सेक्स टॉयज़ से, कल्पनाओं के साथ, या पूरे शरीर के संवेदनशील हिस्सों की मदद से, हर इंसान का अनुभव अलग होता है और सबका तरीका सही है जब तक वह सुरक्षित, स्वच्छ और सहज हो। यह सिर्फ एक यौन क्रिया नहीं होती, बल्कि अपने शरीर के बारे में जानने, महसूस करने और समझने का एक अच्छा अनुभव होता है। इसलिए अगर इसको लेकर आपके मन में कोई अपराधबोध, झिझक या शर्म है, तो उससे बाहर निकलें। यह न सिर्फ शारीरिक आनंद देता है, बल्कि मानसिक तनाव घटाने, आत्मविश्वास बढ़ाने और खुद से जुड़ाव महसूस करने में भी मदद करता है।
